New National Highway: 1660 करोड़ से बनेगा यहां नया नेशनल हाईवे, प्रॉपर्टी के दाम छुएंगे आसमान

National Highway Update: देश में नए ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का जल व पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए निर्माण किया जा रहा है। वाहन चालकों के साथ बेसहारा पशुओं और जानवरों के कारण घटने वाली दुर्घटनाएं न हों इसे लेकर नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए बना रहे नए ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ छह-छह फुट ऊंची दीवार बनाने का काम नरहावली गांव के पास शुरू कर दिया गया है।
इस दीवार को कोई भी जानवर व पशु कूद कर सड़क पर नहीं पहुंच पाएगा। इस हाइवे के निर्माण से इस क्षेत्र में प्रॉपर्टी के दाम भी आसमान छूने लगेंगे। प्रॉपर्टी के दाम बढ़ाने के साथ-साथ विकास भी रफ्तार पकड़ेगा।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के सेक्टर-65 मोड़ से नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे बनाया जा रहा है। ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के निर्माण का ठेका एण्को इंफ्राटेक कंपनी को दिया गया है। इसके निर्माण पर 1660.50 करोड़ रुपये खर्च होंगे। सेक्टर-65 से शुरू होकर ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे 12 गांवों से होकर निकलेगा।
इसकी लंबाई 32 किलोमीटर है। शुरूआत में आठ किलोमीटर तक एलिवेटेड बनाया जा रहा है। इससे आगे मिट्टी के पुस्ता बांध कर सड़क को बनाया जा रहा है। यह पुस्ता भूतल से 20 फुट ऊंचा है। सड़क के ऊपर जानवर व बेसहारा पशु गोवंशी, नील गाय न आएं और किसी तरह की दुर्घटना न घटे इसे लेकर सीमेंट के स्लैबों से एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ दीवार बनाने का काम शुरू हो चुका है।
फिलहाल यह दीवार नरहावली गांव में बनानी शुरू हो गई है। इस दीवार के बनने से एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ हरित पट्टी विकसित करने में आसानी होगी। हरित पट्टी में लगाए जाने वाले पौधे पूरी तरह से सुरक्षित रहेंगे और इनको न तो आसपास के गांवों के ग्रामीण काट सकेंगे और न ही कोई पशु तोड़ पाएगा। यह हरित पट्टी जल्दी ही तैयार हो जाएगी। इस तरह से पर्यावरण संरक्षण होगा। दीवार के होने से लोग एनएचएआइ की भूमि पर किसी भी तरह का अवैध कब्जा भी नहीं कर पाएंगे। जब कभी सड़क को और चौड़ा करने की जरूरत होगी, तब इसका सदुपयोग भी आसानी से किया जा सकेगा।
जल संरक्षण को लेकर बनाया जा रहा रेन ड्रेन
ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के ऊपर वर्षा का पानी एकत्रित न हो और इससे ट्रैफिक संचालन में किसी तरह की बाधा न आए, इसे ध्यान में रखते हुए सड़क के दोनों किनारों पर ड्रेन बनाई जा रही है।
ड्रेन से पानी को नाली द्वारा नीचे की तरफ निकाला जाएगा। इस पानी को संरक्षित करने के लिए सड़क के किनारे दोनों तरफ रेनवाटर हार्वेस्टर बनाए जा रहे हैं। इस तरह से वर्षा के पानी को संरक्षित करके भूजल को बढ़ाया जाएगा।