Movie prime

कार, बाइक लोन लेने वालों का झटका, आरबीआइ के फैसले को बैंकों ने नहीं माना

लोन लेने वालों ग्राहकों को इस कटौती की कोई फायदा नहीं मिला
 

आरबीआई द्वारा दो बार ब्याज दरों में कटौती कर चुकी है। आरबीआई के फैसले के बाद लोन लेने वाले लोगों को लगा था तो उनको कुछ राहत मिलेगी और उनकी ईएमआई में कटौती होगी, लेकिन बैंकों ने आरबीआई के आदेश के बाद भी इसमें कटौती नहीं की। जहां पर बैकों द्वारा आटो लोन पर पहले वाली दर से ही वसूली की जा रही है।

भले ही इस साल फरवरी से लेकर जून के बीच आरबीाई रेपो रेट में एक प्रतिशत की कटौती की है, लेकिन प्राइवेट बैंकों से ऑटो (कार-बाइक) लोन लेने वालों ग्राहकों को इस कटौती की कोई फायदा नहीं मिला है, क्योंकि निजी बैंकों ने 99 प्रतिशत से अधिक ग्राहकों को फिक्स्ड दर पर कर्ज दिया है।

 इसी तरह ब्याज दरें घटने का कोई भी फायदा क्रेडिट कार्ड से कर्ज लेने वाले ग्राहकों को भी नहीं मिला है। आरबीआइ की वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट के मुताबिक, निजी बैंकों ने 99.9 प्रतिशत वाहन लोन तो सरकारी बैंकों ने 48.4 प्रतिशत कार लोन फिक्स्ड रेट पर दिया है। इसी तरह सभी कमर्शियल बैंकों का 72.6 प्रतिशत कार लोन फिक्स्ड दर पर है। कुल खुदरा कर्ज में सरकारी बैंकों ने 28.6 प्रतिशत और निजी बैंकों ने 42.4 प्रतिशत लोन फिक्स्ड दर पर दिया है।

तीन से अधिक कर्ज ले रहे खुदरा ग्राहक

हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां और फिनटेक फर्म जैसी एनबीएफसी से 50,000 रुपए से कम के खुदरा कर्जी का हिस्सा 84.3 प्रतिशत है। 50,000 रुपए से कम कर्ज लेने वाले लगभग 10 प्रतिशत ग्राहकों पर पर्सनल लोन का बकाया था। मार्च तिमाही में पर्सनल लोन लेने वाले दो तिहाई से अधिक उधारकर्ताओं के पास तीन से अधिक कर्ज थे।

बिजनेस लोन पर बड़ी राहत

आरबीआइ ने अपने आदेश में कहा कि एक जनवरी, 2026 से व्यक्तियों और एमएसएमई की ओर से फ्लोटिंग दर पर लिए गए बिजनेस लोन पर कोई पूर्व भुगतान शुल्क (प्री-क्लोजर चार्ज) नहीं लगेगा। इससे एमएसई सेक्टर को सस्ती और आसान फाइनेंसिंग मिल सकेगी। आरबीआइ ने वित्तीय संस्थानों की ओर अपनाए अलग-अलग रवैये को खत्म करने के लिए यह कदम उठाया है।