सोयाबीन की बुवाई में आई गिरावट, भाव छुएंगे आसमान
सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) ने अनुमान जताया है कि इस खरीफ सीजन में सोयाबीन की बुवाई में लगभग पांच प्रतिशत की गिरावट हो सकती है। पिछले दो वर्षों में बाजार भाव कम रहने के कारण किसानों को घाटा हुआ क्योंकि उनको लागत के अनुरूप भाव नहीं मिले जिस कारण वे मक्का, अरहर (तुअर), कपास जैसी वैकल्पिक फसलों की ओर रुख कर रहे हैं।
पिछले वर्ष देशभर में सोयाबीन की बुवाई का क्षेत्रफल 117.48 लाख हेक्टेयर था। इस वर्ष अब तक 30 जून तक लगभग 42.98 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बुवाई की जा चुकी है। अनुमान है कि देशभर में सोयाबीन की बुवाई 15 जुलाई तक पूरी हो जाएगी। मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, कर्नाटक और तेलंगाना प्रमुख उत्पादक राज्य हैं। मध्य प्रदेश में अब तक 15.4 लाख हेक्टेयर और महाराष्ट्र में 18.4 लाख हेक्टेयर में बुवाई हुई है।
जबकि राजस्थान में 3.7 लाख हेक्टेयर, कर्नाटक में 2.78 लाख हेक्टेयर और तेलंगाना में 1.46 लाख हेक्टेयर में बुवाई की गई है। हालांकि मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में खराब अंकुरण के कारण दोबारा बुवाई की जा रही है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार 23 जून तक 20.6 लाख हेक्टेयर में बुबाई हो चुकी थी। सोपा के अनुसार, खरीफ 2024 में सोयाबीन उत्पादन 125 लाख टन और औसत उपज 1,064 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर रही थी।
सरकार ने खरीफ 2025 के लिए सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 5,328 रुपये प्रति क्लिंटल तय किया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 436 रुपये अधिक है। फिलहाल मंडियों में सोयाबीन के दाम एमएसपी से कम, 3,800 रुपये से 4,350 रुपये प्रति क्विंटल के बीच चल रहे हैं।