LIC Share Sales : देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी LIC की हिस्सेदारी बेचेगी सरकार, ब्रोकर किए निर्धारित
इससे पहले सरकार 3.5 प्रतिशत हिस्सेदारी आईपीओ के माध्यम से बेच चुकी है। फिलहाल एलआईसी पर 96.5 प्रतिशत हिस्सेदारी केंद्र सरकार की है।
देश की सबसे बड़ी सरकारी बीमा कंपनी LIC की सरकार द्वारा हिस्सेदारी बेचने की तैयारी कर ली। सरकार इस बार एलआईसी की 2.5 से 3% तक हिस्सेदारी बेचने वाली है। इससे पहले सरकार 3.5 प्रतिशत हिस्सेदारी आईपीओ के माध्यम से बेच चुकी है। फिलहाल एलआईसी पर 96.5 प्रतिशत हिस्सेदारी केंद्र सरकार की है।
एक रिपोर्ट के अनुसार केंद्र सरकार अब मोतीलाल ओसवाल और IDBI कैपिटल को एलआईसी की हिस्सेदारी को बेचने के लिए ब्रोकर नियुक्त किया है। बिक्री की अंतिम राशि रोड शो के बाद तय की जाएगी।
इस बिक्री से सरकार को 14,000 करोड़ से 17,000 करोड़ रुपये मिलने वाले है। आपको बता दे कि अभी एलआईसी में 96.5% हिस्सेदारी है। तीन साल पहले सरकार ने इसमें 3.5 प्रतिशत हिस्सेदारी आईपीओ के माध्यम से बेच दी थी।
सेबी ने एलआईसी को 10 प्रतिशत मिनिमम पब्लिक शेयरहोल्डिंग के नियम को पूरा करने के लिए मई 2024 का समय दिया था लेकिन बाद में इसे बढ़ाकर मई 2027 तक दिया था। इसी उद्देश्य से सरकार अपनी हिस्सेदारी बेच रही है। एलआईसी का मार्केट कैप करीब 5.59 लाख करोड़ रुपये है। बुधवार को कंपनी का शेयर बीएसई पर 3.5 प्रतिशत गिरावट के साथ 884.30 रुपये पर बंद हुआ।
बैंकों को बेची जाएगी हिस्सेदारी
रिपोर्ट के अनुसार एलआईसी की कुछ हिस्सेदारी सरकार बैंकों को बेचने की तैयारी में है। इंडियन ओवरसीज बैंक में सरकार की हिस्सेदारी 94.61 प्रतिशत, यूको बैंक में 90.95 प्रतिशत, पंजाब एंड सिंध बैंक में 93.85 प्रतिशत, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में 89.27 प्रतिशत और बैंक ऑफ महाराष्ट्र में 79.60 प्रतिशत है। अगले साल अगस्त तक सरकार को इन बैंकों में अपनी हिस्सेदारी घटाकर 75 फीसदी तक लानी है।