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Silver Rate : चांदी के भाव में भारी उलटफेयर, एक घंटे में 21 हजार की आई गिरावट 

मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) के खुलते ही चांदी के भाव में भारी उछाल देखने को मिला और छह प्रतिशत की भारी भरकम बढ़ोतरी के साथ चांदी के भाव ने ऊपरी स्तर को छू लिया। जहां पर एक घंटे में ही चांदी के रेट में आए उछाल ने निवेशकों की कमर को तोड़ने का काम किया।
 

सोना व चांदी के रेट में लगातार उतार चढाव जारी है। पिछले सप्ताह जहां पर सोना व चांदी के रेट में भारी उछाल देखने को मिला, लेकिन सोमवार सुबह मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) के खुलते ही चांदी के भाव में भारी उछाल देखने को मिला और छह प्रतिशत की भारी भरकम बढ़ोतरी के साथ चांदी के भाव ने ऊपरी स्तर को छू लिया। जहां पर एक घंटे में ही चांदी के रेट में आए उछाल ने निवेशकों की कमर को तोड़ने का काम किया।

जहां पर चांदी के रेट में 21 हजार रुपये की गिरावट दर्ज की गई। जहां पर दोपहर के बाद चांदी के रेट ग्रीन लाइन से रेड में आ गई। सोमवार शाम तक चांदी के भाव में शुक्रवार को मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) में बंद हुए रेट से लगभग पांच हजार नीचे आ गए। सोमवार सुबह चांदी ने मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) अपने इतिहास में पहली बार 2,54,174 रुपये प्रति किलो के ऊपरी शिखर को छूने काम काम किया।

इस रेट पर पहुंचते ही चांदी के निवेशकों ने फिर से मुनाफ वसूल करना शुरू कर दिया। इसका असर यह हुआ कि चांदी के रेट में दोपहर आते आते भारी गिरावट देखने को मिली। जहां पर एक घंटे में चांदी हाई रेट को छू लिया, लेकिन इसी बीच में 21 हजार रुपये की गिरावट देखने को मिली। इसके बार सोमवार को चांदी के भाव ने 2,33,120 रुपये के इंट्राडे लो पर आ गई। यानी थोड़ी ही देर में कीमतें 21000 रुपये नीचे गिर गईं।

इस वजह से बदल गया पूरा खेल

वैश्विक स्तर पर चल रहे घटनाक्रम के चलते चांदी के भाव में उठा पटक देखने को मिल रही है। चांदी की कीमतों में इंट्राडे में इतनी बड़ी गिरावट के पीछे की सबसे बड़ी वजह रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर आई एक पॉजिटिव खबर को माना जा रहा है।

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प के बयान के मुताबिक, दोनों पक्ष एक समझौते के बेहद करीब पहुंच रहे हैं। जैसे ही भू-राजनीतिक तनाव कम होने के संकेत मिले, चांदी और सोने की मांग घटने लगी। दुनिया भर के बड़े ट्रेडर्स ने हाई लेवल पर अपना मुनाफा बुक शुरू कर दिया।

इंटरनेशनल मार्केट का भी रहा यही हाल

अगर इंटरनेशनल मार्केट की बात करें, तो सोमवार को स्पॉट सिल्वर पहली बार 84 डॉलर प्रति औंस के हाई लेवल पर पहुंच गई, लेकिन महज 70 मिनट में ही यह 75 डॉलर प्रति औंस के नीचे आ गई। कीमतों में गिरावट के पीछे शिकागो मर्केंटाइल एक्सचेंज (CME) की तरफ से उठाए गए एक सख्त कदम को भी माना जा रहा है।

दरअसल, एक्सचेंज ने सिल्वर फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट के लिए इनिशियल मार्जिन की जरूरतों को बढ़ा दिया है। मार्च 2026 के अनुबंधों के लिए अब निवेशकों को 20,000 डॉलर के बजाय 25,000 डॉलर का मार्जिन रखना होगा। इस बढ़ी हुई लागत के कारण कई निवेशकों को अपनी पोजीशन मजबूरी में काटनी पड़ी, जिससे बिकवाली का दबाव और बढ़ गया।

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