कम खर्च में करनी है मोटी कमाई, तो अपने खेतों में करें सूरजमुखी की खेती, कम समय में बन जाएंगे लखपति
Sunflower Farming: सूरजमुखी की खेती किसानों के लिए फायदे का सौदा साबित हो सकती है। कम समय में अगर आपको अच्छा मुनाफा कमाना है तो आप सूरजमुखी की खेती करना शुरू करें। सूरजमुखी तेल और अपने औषधि गुणो के वजह से जाना जाता है। इसकी खेती कर किस अच्छी खासी कमाई कर रहे हैं और सबसे बड़ी बात है की बरसात कभी इस फसल पर कोई असर नहीं होता।
हर साल भारत में 15 लाख हेक्टेयर से अधिक जमीन पर सूरजमुखी की खेती की जाती है। इसकी खेती मुख्य रूप से तमिलनाडु कर्नाटक आंध्र प्रदेश हरियाणा उत्तर प्रदेश उत्तराखंड और पंजाब में की जाती है। मुख्य रूप से इसे फरवरी में लगाया जाता है और तीन बारिश से सिंचाई की जरूरत पड़ती है।
सूरजमुखी की खेती एक लोकप्रिय और लाभदायक फसल है, जो विभिन्न जलवायु और मिट्टी की स्थितियों में उगाई जा सकती है। यहाँ सूरजमुखी की खेती के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं:
सूरजमुखी की खेती के लिए आवश्यक शर्तें
1. जलवायु: सूरजमुखी की खेती के लिए गर्म और शुष्क जलवायु की आवश्यकता होती है।
2. मिट्टी: सूरजमुखी की खेती के लिए अच्छी तरह से जल निकासी वाली मिट्टी की आवश्यकता होती है।
3. बीज: सूरजमुखी के बीजों का चयन करना महत्वपूर्ण है, जो अच्छी गुणवत्ता वाले और रोग प्रतिरोधी हों।
सूरजमुखी की खेती की प्रक्रिया
1. बीज बोना: सूरजमुखी के बीजों को 2-3 सेमी की गहराई पर बोना चाहिए।
2. सिंचाई: सूरजमुखी की खेती के लिए नियमित सिंचाई की आवश्यकता होती है।
3. निराई-गुड़ाई: सूरजमुखी की खेती में निराई-गुड़ाई करना महत्वपूर्ण है, जिससे खरपतवारों को नियंत्रित किया जा सके।
4. उर्वरक: सूरजमुखी की खेती में उर्वरक का उपयोग करना महत्वपूर्ण है, जिससे पौधों की वृद्धि और विकास को बढ़ावा मिल सके।
सूरजमुखी की खेती के लाभ:
1. आय: सूरजमुखी की खेती से अच्छी आय हो सकती है, क्योंकि इसके बीजों का उपयोग तेल उत्पादन में किया जाता है।
2. पोषण: सूरजमुखी के बीजों में प्रोटीन और वसा की अच्छी मात्रा होती है, जो मानव स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होती है।
3. मिट्टी की गुणवत्ता: सूरजमुखी की खेती से मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है, क्योंकि इसकी जड़ें मिट्टी को मजबूत बनाती हैं।