Movie prime

बरसात के मौसम में मक्के की खेती करते समय इन बातों का रखें ध्यान, खूब बढ़ेगी पैदावार

 

Makka ki kheti: बरसात के मौसम में फसलों का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। छोटी -छोटी गलतियों की वजह से फसल पूरी तरह से खराब हो जाती है। मक्के की फसल करते समय विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है। तो आईए जानते हैं बरसात के मौसम में कैसे करें मक्के की खेती...

बरसात में मक्के की खेती करने के लिए कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना आवश्यक है। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं...

 बरसात के मौसम में मक्के की खेती करते समय इन बातों का रखें ध्यान 

1. बीज का चयन: बरसात के मौसम के लिए उपयुक्त मक्के की किस्म का चयन करें, जो जलभराव और बीमारियों के प्रति सहनशील हो।
2. जमीन का चयन: मक्के की खेती के लिए उपयुक्त जमीन का चयन करें, जो जल निकासी की अच्छी व्यवस्था हो।
3. बीजाई का समय: बरसात के मौसम में मक्के की बीजाई का समय जून-जुलाई होता है, जब मानसून सक्रिय होता है।
4. सिंचाई: बरसात के मौसम में मक्के की खेती के लिए सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती है, लेकिन यदि वर्षा नहीं होती है तो सिंचाई करना आवश्यक हो सकता है।
5. निराई-गुड़ाई: मक्के की खेती में निराई-गुड़ाई करना आवश्यक है, ताकि खरपतवारों को नियंत्रित किया जा सके और मिट्टी की गुणवत्ता बनी रहे।
6. उर्वरक का उपयोग:  मक्के की खेती में उर्वरक का उपयोग करना आवश्यक है, लेकिन इसका उपयोग मिट्टी की गुणवत्ता और पौधों की आवश्यकता के अनुसार करना चाहिए।
7. बीमारियों और कीटों का नियंत्रण: मक्के की खेती में बीमारियों और कीटों का नियंत्रण करना आवश्यक है, ताकि फसल की गुणवत्ता और उत्पादकता बनी रहे।
8. फसल चक्र: मक्के की खेती में फसल चक्र का पालन करना आवश्यक है, ताकि मिट्टी की गुणवत्ता बनी रहे और बीमारियों और कीटों का खतरा कम हो।

इन बातों का ध्यान रखने से आप बरसात में मक्के की खेती को सफलतापूर्वक कर सकते हैं और अच्छी फसल प्राप्त कर सकते हैं।