Car Mileage : फिलिंग स्टेशन से भरवाया गया यह पेट्रोल घटा रहा गाड़ी की माइलेज, पेट्रोल में मिलाया जा रहा एथेनॉल
भारत में मिलने वाले पेट्रोल में 10 से 20 प्रतिशत तक एथेनॉल मिलाकर बेचा जा रहा है। 20 प्रतिशत एथेनॉल ब्लेंडेड पेट्रोल (ई20) की सफलता के बाद सरकार अब ई27 (27 प्रतिशत एथेनॉल युक्त पेट्रोल) लाने की योजना बना रही है। इसके मानकों का मसौदा तैयार किया जा रहा है और अगस्त के अंत तक इन्हें अंतिम रूप दिया जा सकता है।
ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया ई27 कॉम्पैटिबिलिटी के लिए इंजन संशोधनों का मूल्यांकन कर रहा है। इस बीच एक सर्वे में पेट्रोल कार और बाइक चलाने वाले दो तिहाई लोगों ने सरकार के ई20 पेट्रोल को अनिवार्य बनाने का विरोध किया है।
वाहन मालिकों ने एथेनॉल-ब्लेंड पेट्रोल से इंजन को होने वाले संभावित खतरों के बारे में चिंता जताई है। इस आशंका के साथ कि पुरानी कारों में ई20 फ्यूल का उपयोग न केवल माइलेज पर नकारात्मक प्रभाव डालता है, बल्कि इंजन की उम्र को भी कम कर सकता है। यहा तक कि मरम्मत का खर्च भी भारी पड़ सकता है।
इस मामले को तूल पकड़ता देख पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने ऐसी चिंताओं को काफी हद तक निराधार और वैज्ञानिक प्रमाण रहित बताया है। मंत्रालय ने कहा, यह धारणा वास्तविक तथ्यों पर आधारित नहीं है और इससे बेववजह लोग परेशान हो रहे हैं। सरकार का कहना है कि पुरानी कारों का माइलेज ई20 पेट्रोल से मामूली कम होता है।
ई20 से इंजन को नुकसान नहीं
मंत्रालय ने कहा कि एथेनॉल-ब्लेंड फ्यूल के उपयोग के प्रभाव पर अंतरराष्ट्रीय अध्ययनों से पता चला है कि इससे वाहन के पावर, टॉर्क या माइलेज पर कोई नाकारात्मक असर नहीं देखा गया। रेगुलर पेट्रोल की तुलना में एथेनॉल की एनर्जी डेंसिटी कम होने से माइलेज में मामूली कमी आती है। ई10-ई20 कैलिब्रेट कारों के माइलेज में 1-2 प्रतिशत, अन्य वाहनों में 3-6 प्रतिशत तक कमी आती है।
उइस मामूली गिरावट को बेहतर इंजन ट्यूनिंग और ई20-कम्प्लाएंट एलिमेंट के उपयोग के माध्यम से कम किया जा सकता है, ऑटोमोबाइल कंपनियां पहले ही अपना चुकी हैं। 4ई20 फ्यूल बीआइएस से सत्यापित है। पुराने वाहनों में 30,000 किमी के बाद कुछ रबर पुर्जी/गैस्केट बदलने की जरूरत पड़ सकती है।