Movie prime

NLCIL : एनएलसीआईएल को विशेष छूट का रणनीतिक निर्णय, इससे NIRL में 7,000 करोड़ रुपये का निवेश!

 

 RNE New Delhi.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने नवरत्न केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यमों (सीपीएसई) पर लागू मौजूदा निवेश दिशानिर्देशों से एनएलसी इंडिया लिमिटेड (NLCIL) को विशेष छूट प्रदान की है। इस रणनीतिक निर्णय से एनएलसीआईएल अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी, एनएलसी इंडिया रिन्यूएबल्स लिमिटेड (NIRL) में 7,000 करोड़ रुपये का निवेश कर सकेगी और बदले में एनआईआरएल मौजूदा शक्तियों के प्रत्यायोजन के तहत पूर्वानुमति की आवश्यकता के बिना, सीधे या संयुक्त उद्यम बनाकर विभिन्न परियोजनाओं में निवेश कर सकेगी। इस निवेश को सार्वजनिक उद्यम विभाग (डीपीई) द्वारा संयुक्त उद्यमों और सहायक कंपनियों में सीपीएसई द्वारा समग्र निवेश के लिए निर्धारित 30% निवल मूल्य सीमा से भी छूट दी गई है, जिससे एनएलसीआईएल और एनआईआरएल को अधिक परिचालन और वित्तीय लचीलापन प्राप्त होगा।

जानिए क्या है छूट देने का उद्देश्य : 
इन छूटों का उद्देश्य एनएलसीआईएल के 2030 तक 10.11 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा (आरई) क्षमता विकसित करने और 2047 तक इसे 32 गीगावाट तक विस्तारित करने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को पूरा करना है। यह अनुमोदन COP26 के दौरान निम्न-कार्बन अर्थव्यवस्था की ओर संक्रमण और सतत विकास प्राप्त करने हेतु भारत की प्रतिबद्धताओं के अनुरूप है। देश ने "पंचामृत" लक्ष्यों और 2070 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन प्राप्त करने की अपनी दीर्घकालिक प्रतिबद्धता के तहत 2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ईंधन ऊर्जा क्षमता का निर्माण करने का संकल्प लिया है।
एक महत्वपूर्ण विद्युत उपयोगिता और नवरत्न सीपीएसई के रूप में, एनएलसीआईएल इस परिवर्तन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इस निवेश के माध्यम से, एनएलसीआईएल अपने नवीकरणीय ऊर्जा पोर्टफोलियो का पर्याप्त विस्तार करना चाहता है और राष्ट्रीय एवं वैश्विक जलवायु कार्रवाई उद्देश्यों में सार्थक योगदान देना चाहता है।

NLCIL 2 गीगावाट क्षमता वाली 07 नवीकरणीय ऊर्जा परिसंपत्तियों का संचालन करती है : 
वर्तमान में, एनएलसीआईएल 2 गीगावाट की कुल स्थापित क्षमता वाली सात नवीकरणीय ऊर्जा परिसंपत्तियों का संचालन करती है, जो या तो चालू हैं या वाणिज्यिक संचालन के करीब हैं। कैबिनेट की इस मंज़ूरी के बाद ये परिसंपत्तियाँ एनआईआरएल को हस्तांतरित कर दी जाएँगी। एनएलसीआईएल की हरित ऊर्जा पहलों के लिए एक प्रमुख मंच के रूप में परिकल्पित एनआईआरएल, नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में नए अवसरों की सक्रिय रूप से खोज कर रहा है, जिसमें नई परियोजनाओं के लिए प्रतिस्पर्धी बोली में भागीदारी भी शामिल है।

यह होगा असर : 
इस अनुमोदन से जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने, कोयला आयात कम करने तथा देश भर में 24x7 विद्युत आपूर्ति की विश्वसनीयता बढ़ाने के कारण हरित ऊर्जा क्षेत्र में अग्रणी के रूप में भारत की स्थिति मजबूत होने की उम्मीद है।
पर्यावरणीय प्रभाव के अलावा, इस पहल से निर्माण और संचालन के चरणों के दौरान प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों तरह से महत्वपूर्ण रोजगार सृजित होने का अनुमान है, जिससे स्थानीय समुदायों को लाभ होगा और समावेशी आर्थिक विकास को समर्थन मिलेगा।