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SBI Home Loan : एसबीआई, यूनियन बैंक ने ग्राहकों को दिया झटका, होम लोन को किया महंगा

एसबीआई, यूनियन बैंक के बाद दूसरे बैंक भी होम लोन की दर बढ़ाने की तैयारी में 

 

सरकारी बैंक अपने ब्याज मार्जिन को बचाने के लिए नए ग्राहकों के लिए होम लोन की दरें बढ़ाने लगे हैं। बैंकों ने रेपो रेट में कटौती फायदा तो तुरंत ग्राहकों को दे दिया, लेकिन डिपॉजिट की दरों में अभी तक कोई खास बदलाव नहीं हुआ है। इससे उनके मुनाफे पर दबाव बढ़ा हैं। इसी दबाव को कम करने के लिए एसबीआई और यूनियन बैंक जैसे बड़े बैंक होम लोन की दरों में मामूली बढ़ोतरी की है। 

बैंक अधिकारियों के मुताबिक  इस मामूली बदलाव से होम लोन की मांग पर असर नहीं पड़ेगा क्योंकि लोग घर खरीदने का फैसला लंबी अवधि को ध्यान में रखकर करते  हैं। एसबीआई ने अपना नेट इंटरेस्ट मार्जिन (एनआईएम) बचाने के लिए होम लोन की दरों में मामूली बढ़ोतरी की है।

एक अगस्त से यह 7.50% से 8.70% हो गई है। पहले इसकी ऊपरी सीमा 8.45% थी, जबकि निचली 7.50% पर बरकरार है। होम लोन की दर में यह बढ़ोतरी बिजनेस डिस्काउंट घटाने से हुई है, जबकि रिस्क प्रीमियम में बदलाव नहीं हुआ है।

अप्रैल-जून में एसबीआई का एनआईएम घटकर 3.02 प्रतिशत रह गया जो अप्रैल-जून 2024 में 3.35 प्रतिशत था। एसबीआई में ग्राहक के क्रेडिट स्कोर के आधार पर होम लोन की शुरुआती दर 7.5 प्रतिशत है। आमतौर पर बैंक नए ग्राहकों से कम शुल्क लेते थे और मौजूदा ग्राहकों के लिए दरें अधिक रखते थे। लेकिन आरबीआई द्वारा रेपो-लिंक्ड प्राइसिंग मैकेनिज्म लागू करने के बाद उन्होंने यह आजादी खो दी।

केनरा बैंक और बैंक ऑफ इंडिया भी करेंगे समीक्षा केनरा बैंक और बैंक ऑफ इंडिया

भी जल्द ही ब्याज दरों की समीक्षा करने वाले हैं। केनरा बैंक के एक अधिकारी ने बताया कि एनआईएम को बचाने की जरूरत को देखते हुए बैंक नए होम लोन की दरों में बढ़ोतरी कर सकता है, लेकिन इसे प्रतिस्पर्धी बैंकों से 0.05% से 0.10% कम रखने की कोशिश करेगा।

बैंक ऑफ इंडिया के अधिकारी ने भी कहा कि उनकी एसेट लायबिलिटी मैनेजमेंट कमेटी (एल्को) की बैठक इस महीने के अंत में होगी, जिसमें दरों की समीक्षा की जाएगी