Movie prime

Silver Rates : चांदी की लंबी छलांग, वायदा बाजार से 30 हजार प्रीमियम पर बिक रही, ज्वैलर्स ने नए ऑर्डर लेना बंद किया

सिल्वर इम्पोरियल के एमडी राहुल मेहता ने कहा, मार्केट में चांदी की भारी कमी है। यह सिर्फ दिवाली की वजह से नहीं है। सेंट्रल बैंक और सरकारें भी खरीदारी कर रही हैं।
 

दीपावली व धनतेरस से पहले ही चांदी के रेटों ने अपना रंग दिखा दिया है। जहां पर चांदी की डिमांड तेजी से बढ़ रही है, लेकिन डिमांड के अनुरूप आपूर्ति नहीं हो रही है। इसके कारण चांदी के रेट लगातार उछाल आ रहा है। डिमांड के अनुरूप आपूर्ति नहीं आने के कारण चांदी के रेटों पर 30 हजार रुपये प्रति किलो से ज्यादा का प्रीमियम पर बिक रही है।

मुंबई के जवेरी बाजार के ज्वैलर्स ने नए ऑर्डर लेना बंद कर दिया है। धनतेरस और दिवाली लोग चांदी की जमकर बुकिंग कर रहे हैं, लेकिन ग्राहकों की मांग के अनुरूप आपूर्ति नहीं होने के कारण बुलियन कारोबारी फिलहाल चांदी के एडवांस ऑर्डर लेने से परहेज कर रहे हैं। सिल्वर इम्पोरियल के एमडी राहुल मेहता ने कहा, मार्केट में चांदी की भारी कमी है। यह सिर्फ दिवाली की वजह से नहीं है।

सेंट्रल बैंक और सरकारें भी खरीदारी कर रही हैं। साथ ही इंडस्ट्री अपने भविष्य के दाम सुरक्षित करने के लिए अभी से बुकिंग कर रही है। यही वजह है कि चांदी ऊपर जा रही है और फिलहाल यह ट्रेंड जारी रहेगा। वैश्विक बाजार में चांदी की कीमत 53 डॉलर प्रति  औंसर के ऑल टाइम हाई पर है। जबकि मुंबई में चांदी पहली बार 2,00,000 रुपए प्रति किलो के ऊपर पहुंच गई है। जयपुर में सर्राफा बाजार में 10 ग्राम चांदी के सिक्के की कीमत 2,000 रुपए के पार हो गई, जबकि गत वर्ष यह 1100 रुपए में मिल रहा था। जयपुर में चांदी बुधवार को 1,81,000 रुपए किलोग्राम थी।


ऑल इंडिया ज्वेलर्स एंड गोल्ड फेडरेशन के राष्ट्रीय महासचिव नितिन केडिया ने कहा, मार्केट में ऐसा माहौल है जैसे फिजिकल चांदी जल्द ही खत्म हो जाएगी। कुछ लोग गोल्ड को मॉर्गेज कर चांदी खरीद रहे हैं, और कुछ घर बनाने के फंड्स को भी इस धातु में शिफ्ट कर रहे हैं। नई दिल्ली में सोना 1,000 रुपए बढ़कर 1,31,800 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गया। वहीं, चांदी 3,000 रुपए गिरकर 1,82,000 रुपए प्रति किलोग्राम पर आ गई।

सप्लाई क्यों कम है

पिछले सात साल से दुनिया में चांदी का उत्पादन उसकी मांग के मुकाबले कम रहा है, और यह कमी आगे भी बनी रहने की संभावना है। चांदी ज्यादातर जिंक और कॉपर जैसी धातुओं के साथ निकलती है, इसलिए इसे जल्दी से ज्यादा निकालना मुश्किल है। इस वजह से बाजार में चांदी की कमी, भंडार घटना और कीमतें ऊंची बनी रहेंगी। विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि चांदी का रुझान मजबूत है, लेकिन इसमें जोखिम भी हैं। इसकी कीमतें बहुत तेजी से बढ़ती और घटती रहती हैं, यह एक हफ्ते में ही 5-10% घट सकती हैं।

FROM AROUND THE WEB