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Haryana News: हरियाणा में तृतीय श्रेणी के परिणाम पर रोक, इन कर्मचारियों की नौकरी पर मंडराया खतरा 

जस्टिस मौदगिल ने स्पष्ट रूप से कहा कि यदि कोई कर्मचारी लंबे समय से कार्यरत है, तो केवल छह महीने की सेवा के आधार पर उसको उम्मीदवारी समाप्त करना न्यायोचित नहीं कहा जा सकता।
 

HSSC Group D Result Update: हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) द्वारा 14 जून 2025 को जारी किए गए ग्रुप सी पदों के संशोधित परिणाम पर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए उस पर अंतरिम रोक लगा दी है। हाई कोर्ट ने आयोन के इस फैसले को "अन्यायपूर्ण, अनुचित और अवैध ठहराते हुए सरकार और एचएसएससी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

यह मामला दीपक सिंह और अन्य नियुक्त कर्मचारियों को याचिका के तहत कोर्ट में पहुंचा था। याचिकाकर्ता  ने अदालत के समक्ष दलील दी कि वे अक्टूबर 2024 से नियमित रूप से विभिन्न पदों पर कार्यरत हैं, लेकिन एचएसए‌ससी यह हाई कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए एचएसएससी की तरफ से जारी संशोधित परिणाम को वताया अन्यायपूर्ण, अनुचित और अवैध द्वारा अचानक 14 जून 2025 को संशोधित परिणाम जारी कर उन्हें हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

कोर्ट ने इस कार्रवाई पर तत्काल रोक लगाते हुए कर्मचारियों को अंतरिम राहत प्रदान की। सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट के जस्टिस संदीप मौदगिल ने पाया कि यह संशोधित परिणाम आयोग द्वारा पूर्व के दो निर्णयों के अनुपालन में जारी किया गया था। हालांकि 15 फरवरी 2015 को इन्हीं आधारों पर पारित एक अन्य फैसले पर हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने 13 मई 2025 को रोक लगा दी थी। ऐसे में एकल पीठ ने कहा कि जब संबंधित मामलों पर पहले से ही न्यायिक विचाराधीन है तो उसी आधार पर किसी को नियुक्ति रह करना न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ होगा।

जस्टिस मौदगिल ने स्पष्ट रूप से कहा कि यदि कोई कर्मचारी लंबे समय से कार्यरत है, तो केवल छह महीने की सेवा के आधार पर उसको उम्मीदवारी समाप्त करना न्यायोचित नहीं कहा जा सकता। उन्होंने एचएसए‌ससी के इस कदम को अनुचित बताते हुए इसे रद करने योग्य करार दिया। कोर्ट ने वह भी कहा कि अब यह मामला पहले से लंबित अपीलों के साथ जोड़ दिया गया है और सभी याचिकाओं पर सामूहिक रूप से सुनवाई की जाए‌गी।