PhD rules changed : राजस्थान में अब यूजीसी नेट के स्कोर के आधार पर मिलेगा प्रवेश
उदयपुर के सुखाड़िया विश्वविद्यालय में अब पीएचडी (विद्या वाचस्पति) की उपाधि के लिए प्रवेश मापदंड बदल गए
उदयपुर के सुखाड़िया विश्वविद्यालय में अब पीएचडी (विद्या वाचस्पति) की उपाधि के लिए प्रवेश मापदंड बदल गए। एंट्रेंस एग्जाम की बजाय नए नियम लागू हो गए। अब यूजीसी नेट के स्कोर के आधार पर प्रवेश मिलेगा। विद्यार्थियों को साक्षात्कार से गुजरना पड़ेगा। इसके बाद मेरिट के आधार पर प्रवेश मिलेगा। अकादमिक परिषद की बैठक में यूजीसी की नई गाइडलाइन पर मुहर लगी। जनवरी 2026 में प्रवेश संभवतः इसी प्रक्रिया से होंगे।
अब तक किसी भी विषय में न्यूनतम 55 फीसदी अंकों के साथ उत्तीर्ण स्नातकोत्तर पीएचडी प्रवेश परीक्षा में शामिल हो सकता था। नए नियमों से नेट स्कोर व साक्षात्कार से मिलने वाले अंकों की मेरिट से प्रवेश मिल सकेगा। इसमें तीन कैटेगरी तय की हैं। पहली में असिस्टेंट प्रोफेसरशिप व जूनियर रिसर्च फैलोशिप के पात्र, दूसरी में असिस्टेंट प्रोफेसर और पीएचडी के पात्र तथा तीसरी में सिर्फ पीएचडी के लिए पात्र विद्यार्थी होंगे। प्रदेश के कुछ विश्वविद्यालयों में नया पैटर्न लागू कर दिया है, जबकि कई में अभी प्रक्रियाधीन है।
6 पेपर देने होंगे
पीएचडी का कोर्स वर्क विवि ने अपने स्तर पर पूरी तरह से बदल दिया है। दावा है कि प्रदेश में ऐसा कोर्स वर्क किसी भी विवि में नहीं है। नए नियमों के तहत पीएचडी के दौरान शोधार्थियों को 6 पेपर देने होंगे। 4 पेपर क्लास तथा 2 कम्प्यूटर से जुड़े होंगे। इनमें इथिक्स और रिसर्च का भी समावेश किया है।

