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RPSC : वरिष्ठ अध्यापक परीक्षा में पेपर खुला होने पर आरपीएससी अध्यक्ष साहू ने बताया कितनी सुरक्षा में होता है पेपर

 

RNE Jaipur.
 

Rajasthan Public Service Commission (RPSC) की वरिष्ठ अध्यापक परीक्षा के दौरान पेपर का पैकेट खुला होने के आरोप को RPSC अध्यक्ष यू आर साहू ने अफवाह बताया है। इस घटनाक्रम का पूरा ब्यौरा देने के साथ ही साहू ने पेपर की सुरक्षा के पूरे इंतजाम भी पत्रकारों को बताए।
 

जानिए कहाँ, क्या आरोप लगा : 
 

आरपीएससी अध्यक्ष साहू ने बताया कि जोधपुर में 7 सितंबर 2025 को एक अभ्यर्थी ने प्रश्न-पत्र का पैकेट खुला होने की अफवाह परीक्षा कक्ष में फैलाई थी। इस संबंध में परीक्षा समन्वयक एवं अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट जोधपुर से तथ्यात्मक रिपोर्ट प्राप्त हुई। इसमें यह सामने आया कि अफवाह फैलाने वाला अभ्यर्थी तहसील-गुढ़ामलानी जिला बाडमेर का निवासी है। 
 

इस अभ्यर्थी को पूरी आस्तीन की शर्ट पहनने के कारण ड्रेस कोड नियमों के तहत रोका गया था। इसी बात से नाराज होकर उसने यह झूठा प्रचार किया था। जबकि वास्तविकता यह थी कि प्रश्न-पत्र का पैकेट स्वयं शिकायतकर्ता अभ्यर्थी सहित दो अन्य परीक्षार्थियों के सामने हस्ताक्षर करवाने के बाद ही खोला गया था।
 

निहित स्वार्थ से अफवाह फैलाने का आरोप : 
 

राजस्थान लोक सेवा आयोग अध्यक्ष यू आर साहू ने परीक्षा आयोजन तथा प्रश्न-पत्रों की सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता बताते हुए कहा कि प्रश्न-पत्र खुला मिलने जैसी अफवाहें फैलाने वाले अपने निहित स्वार्थों के कारण ऐसा करते हैं। अफवाह फैलाने वाले इस अभ्यर्थी को आयोग द्वारा व्यक्तिगत सुनवाई हेतु उपस्थित होने का नोटिस जारी किया गया है। इससे यह स्पष्ट हो सकेगा कि अभ्यर्थी द्वारा किस उद्देश्य से इस प्रकार की अफवाह को फैलाया गया था।
 

इतनी सुरक्षा में पहुंचता है पेपर :

  1. परीक्षाओं में प्रश्न-पत्रों को 7 स्तरीय सुरक्षा उपायों के साथ लेमिनेटेड मेटल बॉक्स में परीक्षा केंद्रों तक पहुंचाया जाता है।
  2. एकल प्रश्न-पत्र मय उत्तर-पत्रक (ओएमआर शीट) को पहले एक पारदर्शी प्लास्टिक पॉलीपैक में सील किया जाता है।
  3. इसके बाद ऐसे पैक्ड 24 प्रश्न-पत्रों के सेट को एक पूर्णतयः अपारदर्शी (नॉन ट्रांसपेरेंट) पॉलीपैक में दुबारा पैक किया जाता है।
  4. 24 प्रश्न-पत्रों के इस प्रकार के नॉन ट्रांसपेरेंट पॉलीपेक सेट को मेटल बॉक्स में रखकर बक्से पर एक से अधिक नम्बर लॉक लगाए जाते हैं।
  5. इन नम्बर लॉक्स को भी इंटैक्ट गम पेपर से सील-चपड़ी लगाकर सुरक्षित किया जाता है।
  6. मेटल बॉक्स पर एक विशेष सिक्योरिटी स्ट्रिप सील लगाई जाती है।
  7. अंत में पूरे मेटल बॉक्स को मोटी प्लास्टिक शीट से लेमिनेट किया जाता है। 

परीक्षा से प्रारंभ होने से पहले मिलता है नम्बर लॉक कोड : 
 

परीक्षा केंद्र के केन्द्राधीक्षक को परीक्षा शुरू होने से कुछ ही मिनट पहले उनके कीपैड मोबाइल पर एसएमएस के जरिए नम्बर लॉक खोलने का कोड भेजा जाता है। बॉक्स खोलने की पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई जाती है और यह सुनिश्चित किया जाता है कि उस स्थान पर कोई भी संचार या इलेक्ट्रॉनिक उपकरण मौजूद न हो।

दो परीक्षार्थी सहित 9 व्यक्ति करते हैं सुरक्षा की पुष्टि : 

परीक्षा केन्द्राधीक्षक के कक्ष में परीक्षा प्रारंभ होने से तुरंत पूर्व बॉक्स खोलते समय दो परीक्षार्थियों सहित केंद्राधीक्षक, सहायक केंद्राधीक्षक, दो पर्यवेक्षक, दो राजकीय अभिजागर और वीडियोग्राफर इस प्रकार कुल 9 व्यक्ति मौजूद रहते हैं। यह सभी इस बात की पुष्टि करते हैं कि प्रश्न-पत्र पूरी तरह से सुरक्षित और सही ढंग से पैक होकर प्राप्त हुए हैं, जिसके बाद ही उनका वितरण किया जाता है।
 
फॉर्मेट में दर्ज होता है विवरण : 

इसके साथ ही इस समस्त प्रक्रिया का चरणबद्ध कार्यवाही विवरण निर्धारित प्रपत्र में दर्ज किया जाता है। इसी दौरान यदि किसी भी प्रकार की कोई विसंगति पाई जाती है तो वीडियोग्राफी एवं कार्यवाही विवरण में अंकित करते हुए संबंधित जिले द्वारा आयोग को परीक्षा प्रारंभ होने से पूर्व ही सूचित किया जाता है।
 

2023 से ऐसे इंतजाम : 
 

इस प्रकार वर्ष 2023 से आयोग की व्यवस्था एवं प्रक्रिया इतनी पुख्ता है कि प्रश्न-पत्र के प्रकटीकरण की संभावना नगण्य है, क्योंकि ऐसी किसी भी स्थिति में रिवर्स आडिट करते हुए चूक करने वाले की तुरंत पहचान की जा सकती है और उसके विरूद्ध अत्यंत कड़े परीक्षा कानून-2022 (यथा संशोधित वर्ष 2023) में सख्त कार्यवाही की जा सकती है। इसके अतिरिक्त आयोग द्वारा अन्य अनेक गोपनीय सुरक्षा व्यवस्थाएं भी प्रश्न-पत्रों पर की गई है। इनके माध्यम से किसी प्रश्न-पत्र के लिए निर्धारित परीक्षा केंद्र की जानकारी भी अविलंब प्राप्त हो जाती है।