Champions Trophy : जहां सुरक्षा से डरी श्रीलंका A-टीम दौरा छोड़ गई वहां चैम्पियंस ट्रॉफी की रिस्क कैसे ले सकते हैं !
RNE Sepcial Desk.
अगले वर्ष पाकिस्तान में प्रस्तावित चैम्पियंस ट्रॉफी के आयोजन के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC)लगातार मीटिंग्स कर रहा है। बारम्बार बैठकों की वजह भारत का पाकिस्तान न जाकर न्यूट्रल वेन्यू पर चैम्पियंस ट्रॉफी मैच खेलने की शर्त है।
चैम्पियंस ट्रॉफी के आयोजन से पूर्व ही पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) की दुनियाभर में खिल्ली उड़ाई जा रही है क्योंकि चार दिन पहले ही श्रीलंका की A टीम पाकिस्तान का दौरा अधूरा छोड़ कर अपने मुल्क वापिस लौट गई है। श्रीलंका की A टीम को पाकिस्तान में तीन वन डे मैच खेलने थे, अभी सीरीज का एक ही मैच हुआ था और श्रीलंकन बोर्ड ने दौरा बीच सीरीज ही सुरक्षा कारणों से स्थगित कर दिया है। पाकिस्तान के सभी बड़े शहरों में प्रोटेस्ट -मार्च को देखते हुए आंतरिक सुरक्षा की खराब स्थिति देखते हुए श्रीलंका ने दौरा अधूरा छोड़ दिया है।
पाकिस्तान की आंतरिक स्थिति किसी से छिपी नहीं है और पाकिस्तान को दो माह बाद ही वर्ल्ड क्रिकेट की टॉप आठ टीमों की मेजबानी करनी है। भारत तो पाकिस्तान जाएगा नहीं, यह तो तय है लेकिन इस निर्णय के पीछे भारत सरकार की स्वीकृति से ज्यादा BCCI की आर्थिक ताकत का खेल बड़ा है। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष मोहसिन नकवी मीडिया के सामने भले कुछ भी बड़ी बड़ी तकरीरें करें लेकिन हकीकत में पाकिस्तान बोर्ड की माली हालत अपने मुल्क की इकोनॉमिक कंडीशन से ज्यादा मुख्तलिफ नहीं है।
पाक बोर्ड के अध्यक्ष नकवी ने अब कहा है कि पाकिस्तान चैम्पियंस ट्रॉफी की मेजबानी हाइब्रिड मॉडल को अपनाकर करवाने को राजी है लेकिन निकट भविष्य में यही फार्मूला आने वाले ICC इवेंट्स के लिए पाकिस्तान के लिए भी अपनाया जाए। नकवी ने कहा कि अगर भारत ICC इवेंट्स के लिए पाकिस्तान नहीं आना चाहता है तो हमारी टीम भी किसी भी ICC टूर्नामेंट के लिए भविष्य में भारत नहीं जाएगी और तब ICC पाक टीम के लिए भी हाइब्रिड मॉडल की व्यवस्था करें।
क्रिकेट जानकार भारतीय क्रिकेट बोर्ड की ICC में मजबूत पकड़ को देखते हुए यह मान रहे है कि पाकिस्तान बोर्ड की निकट भविष्य में हाइब्रिड मॉडल की मांग को फिलहाल होल्ड पर रख दिया जाएगा और सार्वजनिक रूप से ICC द्वारा यह कहा जाएगा कि चैंपियंस ट्रॉफी के बाद आगामी इवेंट्स के बारे में निर्णय लिए जाएंगे। असल में पाकिस्तान बोर्ड के मन की बात निकट भविष्य में न तो पूर्ण होने वाली है और न ही ICC के अधिकतर सदस्य देश पाकिस्तान के फेवर में है। अधिकृत इंटरनेशनल क्रिकेट खेलने वाले अधिकांश देश BCCI के निर्देशानुसार ही संचालित होते है क्योंकि पैसा बोलता है और दूजा भारत में क्रिकेट खेल से ज्यादा पैशन की पराकाष्ठा है।
यूं वैसे ICC और BCCI को पाकिस्तान को घुटनों पर लाने के लिए ज्यादा मेहनत करने की जरूरत नहीं है, जैसी पाकिस्तान की इस समय हालत है, ऐसे में पाकिस्तान में कभी भी अप्रिय घटना होने की प्रबल संभावना हर वक़्त बनी ही रहती है। आगामी चैम्पियंस ट्रॉफी का आयोजन पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड और पाकिस्तान एक मुल्क के लिए बड़ा चुनौतीपूर्ण रहने वाला है। अगर कुछ भी गड़बड़ या अप्रिय घटना चैम्पियंस ट्रॉफी के दौरान हुई तो फिर दशकों तक पाकिस्तान को बड़े क्रिकेट इवेंट्स की मेजबानी के लिए तरसना पड़ सकता है। अतीत में भी श्रीलंका टीम पर आतंकी हमले के कारण बरसों तक किसी भी विदेशी क्रिकेट टीम ने पाकिस्तान का दौरा नहीं किया था।