चुनाव घोषणा के साथ उठापठक शुरू, कांग्रेस को होगा फायदा
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आयाराम – गयाराम के रूप में एक समय में मशहूर रहे हरियाणा में कल विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होते उठापठक शुरू हो गई है। पहला झटका पिछली बार भाजपा के साथ गठबंधन में रही दुष्यंत चौटाला की जेजेपी को लगा है।
2019 के विधानसभा चुनाव में दुष्यंत चौटाला की जेजेपी से 10 विधायक जीते थे और उन्होंने भाजपा की सरकार बनवाई थी। दो दिन में जेजेपी के 4 विधायकों ने पार्टी छोड़ दी है। आज गुहला के विधायक ईश्वर सिंह ने पार्टी से इस्तीफा दिया। उसके बाद टोहाना व शाहबाद के विधायकों ने भी पार्टी छोड़ दी। कल उकलाना के विधायक इस्तीफा दे चुके थे। इस तरह 4 विधायक दुष्यंत का साथ छोड़ गये। इससे जेजेपी पूरी तरह टूट गई है।
दुष्यंत का भाजपा के साथ सरकार में जाना और फिर अंतिम महीनों में सरकार से अलग होना, उन पर भारी पड़ा है। लोकसभा चुनाव भी जेजेपी ने अकेले लड़ा मगर न तो कोई उम्मीदवार जीता और न ही उनके उम्मीदवारों को अधिक वोट मिले। बहुत कम प्रतिशत वोट पर जेजेपी सिमट गई।
किसान आंदोलन का असर
किसान आंदोलन के समय हरियाणा सरकार ने ही केंद्र के निर्देश पर किसानों को हरियाणा के बॉर्डर पर रोक दिया था। तबसे ही हरियाणा के किसान व जाट जेजेपी के खिलाफ हो गये। उसका असर अब नजर आ रहा है।
टूट का फायदा कांग्रेस को
जेजेपी की टूट का फायदा कांग्रेस को मिलेगा। क्यूंकि जेजेपी मजबूती से लड़ती तो वो जाट वोट बैंक में सेंध लगाती। भाजपा के विपक्ष का वोट काटती। अब वोट नहीं कटेंगे तो फायदा कांग्रेस को होगा।