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कांग्रेस और भाजपा इस बार सख्त, बख्शेगी नहीं भीतर के गद्दारों को, एक्शन की तैयारी

आरएनई,स्टेट ब्यूरो। 

लोकसभा चुनाव 2024 के लिए राज्य की सभी 25 सीटों पर वोट पड़ते ही भाजपा और कांग्रेस संगठन एक्शन में आ गया है। कांग्रेस में ज्यादा भागदौड़ थी इसलिए उसके संगठन को तो बीच चुनाव सक्रिय होना पड़ा ताकि एक मैसेज पार्टी के कार्यकर्ताओं को दिया जा सके। मगर कांग्रेस यहीं नहीं रुकी है, अब भी वो लगातार कार्यवाही कर रही है। कांग्रेस के पास खोने को तो कुछ है नहीं। भाजपा ने तो इसके लिए पूरा एक्शन प्लान बनाया है।

कांग्रेस ने अपने सभी जिलाध्यक्षों व उम्मीदवारों से उन पदाधिकारियों , कार्यकर्ताओं व नेताओं की सूची मांगी है जिन्होंने चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के लिए काम नहीं किया। या तो विरोध किया या फिर निष्क्रिय रहे। राजस्थान कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा के निर्देश पर पीसीसी चीफ गोविंद डोटासरा ने ये जानकारी हर जिले से मंगवाई है।
सूत्रों के अनुसार कांग्रेस व गठबंधन के उम्मीदवारों से भी इस विषय मे विगत मंगवाई गई है। उनसे पूछा गया है कि अपेक्षा के अनुरूप किन लोगों ने चुनाव में साथ नहीं दिया।

अनेक उम्मीदवारों ने न केवल चुनाव में असहयोग करने वालों की अपितु निष्क्रिय रहने वालों के नाम पीसीसी को भेजे हैं। कई उम्मीदवारों ने तो नेताओं के उन समर्थकों के वीडियो भी भेजे हैं जिन्होंने विरोधी पार्टी के उम्मीदवारों व समर्थकों का सम्मान किया, स्वागत किया। कमोबेश हर सीट से इस तरह की शिकायतें व वीडियो पीसीसी पहुंचे हैं। अब संगठन इसके आधार पर कार्यवाही करेगा।

भाजपा भी इसी राह पर ही है। भाजपा राज्य में मिशन 25 पर काम कर रही थी और पिछली बार से अधिक मतों से जीत का लक्ष्य रखा था। मगर पहले चरण में जिन 12 लोकसभा सीटों पर वोट पड़े वहां मतदान का प्रतिशत कम रहा। भाजपा की उस से ही चिंता बढ़ी। दूसरे चरण की 13 सीटों पर मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए जोर लगाया, मगर अपेक्षित परिणाम फिर भी नहीं मिले। तब भाजपा संगठन इस तरह के एक्शन मूड में आया है। भाजपा ने सभी लोकसभा प्रभारियों से रिपोर्ट मांगी है कि वे बतायें, किस पदाधिकारी या नेता ने सहयोग नहीं किया, निष्क्रिय रहे। उनकी रिपोर्ट के मुताबिक संगठन आगे की कार्यवाही भी करेगा जिसकी वर्किंग शुरू हो गई। भाजपा के अनेक उम्मीदवारों ने भी कई नेताओं, पदाधिकारियों की अलग से गम्भीर शिकायत की है। जिस पर भी गम्भीरता से चर्चा हो रही है।

झुंझनु को लेकर तो भाजपा संगठन बहुत गंभीर है। यहां दूसरे चरण में मतदान हुआ और पार्टी के बड़े दबाव के बाद भी यहां मतदान प्रतिशत बढ़ने की बजाय घटा। पिछले चुनाव से 10 प्रतिशत से अधिक कम मतदान हुआ है। यहां की तो भाजपा संगठन ने खास रिपोर्ट तैयार कराई है।
कुल मिलाकर दोनों पार्टियां चुनाव पूरा होते ही अपने जयचन्दों व निठल्ले पदाधिकारियों की विदाई करने में लग गई है। आने वाले दिनों में दोनों ही पार्टियों में जिले से लेकर प्रदेश तक बड़ी कार्यवाहियां देखने को मिलेगी।
— मधु आचार्य ‘ आशावादी ‘