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अल्पसंख्यक को खासी तवज्जो देने वाली कांग्रेस पार्टी, जाट समुदाय पर कर रही फोकस

RNE, NETWORK .

राजस्थान में इस बार कांग्रेस पार्टी ने एक भी मुस्लिम प्रत्याशी को टिकट नहीं दिया। अब तक जारी आधा दर्जन सूचियों में लगभग सियासी तस्वीर साफ हो गई। कभी अल्पसंख्यक को खासी तवज्जो देने वाली कांग्रेस पार्टी ने इस बार जाट समुदाय को अपना टारगेट बनाया है। जबकि पिछली बार एक मुस्लिम प्रत्याशी चूरू से खड़ा किया था। इस बार ओबीसी पर खास फोकस रखा है। इस बार 8 जाट प्रत्याशियों को टिकट दिया है।

कांग्रेस ने 25 में से 24 सीटों पर तस्वीर साफ कर दी है। बची हुई डूंगरपुर-बांसवाड़ा सीट पर कांग्रेस ने अभी टिकट फाइनल नहीं किया है। लेकिन माना जा रहा है कि यह सीट इंडिया गठबंधन के लिए छोड़ी जा सकती है। सीकर, नागौर, जयपुर ग्रामीण, बाड़मेर, जैसलमेर, चूरू और झुंझनूं से जाट उम्मीदवार उतारे है। जबकि कांग्रेस ने इस बार एक भी मुस्लिम वर्ग को टिकट नहीं दिया है। जबकि अल्पसंख्यकों में कांग्रेस का खासा प्रभाव रहा है। कांग्रेस ने इस बार वैश्य वर्ग से भी किसी कोटि नहीं दिया है। जबकि पिछली बार जयपुर से टिकट दिया था।

बीजेपी के वोट बैंक में सेंध

इस बार कांग्रेस पार्टी की ओर से एक भी मुस्लिम प्रत्याशी को टिकट नहीं दिए जाने के अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि कांग्रेस ने एक भी मुस्लिम प्रत्याशी को टिकट नहीं देकर बीजेपी के वोट बैंक में सेंध लगाने के कोशिश की है। हालांकि, कांग्रेस के नेता दूसरी वजह बता रहे हैं। इनका कहना है कि योग्य प्रत्याशी नहीं मिला है। कांग्रेस ने इस बार ओबीसी वोटर्स पर फोर अ रखा है।

इसलिए ओबीसी में शामिल जाटों को टिकट दिया गया। ले राजस्थान में जाट कांग्रेस का वोट माना जाता रहा है, लेकिन पिछले दो लोकसभा चुनाव से वोट बैंक कांग्रेस से छिटक गया है। माना जा रहा है कि इस बार कांग्रेस ने रणनीति के तहत ओबीसी पर ही फोकस रखा है। कांग्रेस ने दो गुर्जर और दो मीणा समुदाय के लोगों को टिकट दिया है। कांग्रेस का फैसला कितना सही साबित होता है ये तो आने वाला समय ही बताएगा।