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Covid Return : बीकानेर में बिगड़ सकते हैं हालात, 26 में से 03 पॉजिटिव, अब न सैंपलिंग, न जांच

RNE Bikaner.

देशभर में कोविड का प्रकोप फिर गहराने का डर सताने लगा है। बीते 24 घंटों में ही 363 नये केस के साथ अब तक एक्टिव रोगियों की संख्या 3758 हो गई है। इन 24 घंटों में दो रोगियों की मौत हो गई। जनवरी से अब तक देखें तो इस बीमारी से 28 की जान जा चुकी है। देश के लगभग हर हिस्से में कोविड रोगी रिपोर्ट हो रहे हैं। हालांकि केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली में सर्वाधिक रोगी है लेकिन अब यूपी में भी केस बढ़ रहे हैं। राजस्थान में भी 62 रोगी रिपोर्ट हो चुके हैं।

न जांच, न सैंपलिंग, कहीं अचानक विस्फोट न हो जाएं:

कोविड के जितने रोगी अब तक सामने आए हैं वे चिंता पैदा करने वाले तो हैं ही इससे ज्यादा चिंता इस बात की है कि कहीं अचानक कोविड विस्फोटक स्थिति सामने न आ जाएं। यह आशंका इसलिए जताई जा रही है क्योंकि देश के अधिकांश हिस्सों में अभी कोविड की जांच बहुत ही कम स्तर पर हो रही है।

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राजस्थान के बीकानेर का ही उदाहरण लें तो यहां पूरे जिले में महज एक मेडिकल कॉलेज में ही कोविड के सैंपल लिए जा रहे हैं वे भी अब लगभग बंद हो चुके हैं। बंद होने की वजह डरावनी है। वजह यह है कि यहां कोविड की जांच के लिए मेडिकल कॉलेज में टेस्ट किट ही नहीं है। प्रधानमंत्री के दौरे को देखते हुए एक किट का जुगाड़ किया गया था। एक किट में 100 सैंपल की जांच होती है। इसमें से अब तक 26 सैंपल की जांच की गई जिनमें तीन पॉजिटिव रिपोर्ट हो गए। मतलब यह कि 10 प्रतिशत से ज्यादा पॉजिटिविटी रेट इन सैंपल में रही है।

ऐसे में जांच ही नहीं होगी तो रोगी सामने नहीं आएंगे। इसका असर यह होगा कि छिपे हुए रोगी इस बीमारी का संक्रमण दूसरे में फैलाते रहेंगे। इस बीच जब नया वैरिएंट खतरनाक होने की खबर आ रही है तब यह स्थिति और भी ज्यादा चिंतित करने वाली लग रही है।

अब हो रहे जांच किट के टैंडर, आनन-फानन में मंगाई किट:

सुपरिटेंडेंट डा.सुरेन्द्र वर्मा(file photo)
सुपरिटेंडेंट डा.सुरेन्द्र वर्मा(file photo)

पीबीएम हॉस्पिटल के सुपरिटेंडेंट डा.सुरेन्द्र वर्मा कहते हैं, जांच किट के लिए टैंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह टैंडर 12 जून को ओपन हो जाएगा। इससे पहले इमरजेंसी यूज के लिए दो लाख रुपए की जांच किट मंगवाई है। इससे लगभग 96 सैंपल की जांच हो सकती है। सैंपल लिए जा रहे हैं।

ऐसे में डा.वर्मा की बात से ही जाहिर होता है कि हॉस्पिटल एवं कॉलेज प्रशासन ने कोविड को लेकर पहले गंभीरता नहीं दिखाई। कुछ ऐसी ही स्थिति स्वास्थ्य विभाग की है। स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देशानुसार जिन मरीजों में आईएलआई इन्फ्लुएंजा लाइक इलनैस के लक्षण दिखें उन सभी की जांच की जाएं। हालात यह है कि बीकानेर में जिले में मेडिकल कॉलेज को छोड़कर कहीं भी कोविड जांच के लिए सैंपल लेने की सुविधा अभी नहीं है। ऐसे में जब सैंपल ही नहीं हो रहे हैं तो जांच कैसे होगी और बीमारी की वास्तविकता कैसे सामने आएगी।