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Cyclone-III : रेगिस्तान में आतंकवाद के खिलाफ भारत-मिस्र के 25-25 जांबाजों का घमासान, 23 तक चलेगा युद्धाभ्यास

  • India-Egypt Joint Special Forces Exercise Cyclone-III
  • आखिरी 48 घंटे में जबर्दस्त आतंकविरोधी ड्रिल होगी
  • भारत की दो स्पेशल फोर्सेज की बटालियनों के 25 फौजी युद्धाभ्यास में
  • मिस्र के 25 सैनिक भी युद्धाभ्यास करने बीकानेर पहुंचे

RNE Bikaner.

रेगिस्तानी और अर्धरेगिस्तानी इलाकों में आतंकी चुनौतियों सहित युद्धकौशल का परीक्षण करने के लिए मिस्र सेना के 25 सैनिक बीकानेर पहुंचे है। दूसरी ओर भारतीय सेना की दो स्पेशल फोर्सेज बटालियन के जांबाज भी पहुँच चुके हैं।

भारत-मिस्र के इन 50 जांबाजों के बीच 23 फरवरी तक जबर्दस्त घमासान चलेगा। इस युद्धाभ्यास का नाम है Cyclone-III

रक्षा प्रवक्ता कर्नल अमिताभ शर्मा ने बताया कि जॉइंट स्पेशल फोर्सेज अभ्यास साइक्लोन का तीसरा संस्करण राजस्थान के महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में 10 फरवरी 2025 को शुरू हुआ। यह जॉइंट अभ्यास 10 से 23 फरवरी 2025 तक चलेगा। साइक्लोन अभ्यास एक वार्षिक कार्यक्रम है, जो बारी-बारी भारत और मिस्र के बीच आयोजित किया जाता है। इस अभ्यास का पिछला संस्करण जनवरी 2024 में मिस्र में आयोजित हुआ था।

भारत-मिस्र के कितने सैनिक, किस लिए जुटे :

इस अभ्यास में भारतीय सैन्य दल की तरफ से दो स्पेशल फोर्सेज की बटालियनों के 25 सदस्य शामिल होंगे । मिस्र का दल भी 25 सदस्यीय होगा, जिसका प्रतिनिधित्व मिस्र के विशेष बल समूह और टास्क फोर्स द्वारा किया जाएगा।

साइक्लोन अभ्यास का उद्देश्य अंतरसंचालन, संयुक्तता और विशेष युद्ध संचालन रणनीति के आपसी आदान-प्रदान को बढ़ाकर दोनों देशों के बीच सैन्य संबंध को बढ़ावा देना है। यह अभ्यास उच्च स्तर की शारीरिक फिटनेस, संयुक्त योजना और संयुक्त सामरिक अभ्यास पर केंद्रित होगा।

ये होगा, आखिरी 48 घंटे खास :

साइक्लोन अभ्यास के दौरान जो ड्रिल्स और पहलू अभ्यस्त किए जाएंगे, उनमें उन्नत विशेष बल कौशल और विभिन्न तकनीकें, रणनीतियाँ और प्रक्रियाएँ शामिल होंगी, जो वर्तमान ऑपरेशन्स प्रतिमान के तरीकों के अनुसार होगा। यह अभ्यास 48 घंटे अभ्यास के साथ खत्म होगा, जिसमें रेगिस्तानी और अर्ध-रेगिस्तानी इलाकों में आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिए सामरिक ड्रिल्स का अभ्यास और सत्यापन किया जाएगा। अभ्यास में स्वदेशी सैन्य उपकरणों का प्रदर्शन और मिस्र के रक्षा विनिर्माण उद्योग का अवलोकन भी शामिल होगा।

मकसद यह :

अभ्यास साइक्लोन दोनों पक्षों को सामरिक संचालन करने की रणनीति, तकनीक और प्रक्रियाओं में अपने सर्वोत्तम अभ्यासों को साझा करने में सक्षम बनाएगा। यह अभ्यास दोनों सेनाओं के सैनिकों के बीच सहयोग विकसित करने में भी मददगर साबित होगा।