
Dengue-Malaria in Bikaner : राष्ट्रीय डेंगू दिवस पर डेंगू से बचाव के लिए चलेगा जागरूकता अभियान
RNE Bikaner.
बस इतना ध्यान रखें -पानी ठहरेगा जहां, मच्छर पनपेगा वहां राष्ट्रीय डेंगू दिवस के अवसर पर शुक्रवार 16 मई को जिलेभर में व्यापक एंटीलार्वा गतिविधियां, सर्वे, सैम्पलिंग, एंटी-अडल्ट मच्छर नियंत्रण, लार्वा प्रदर्शन के साथ-साथ जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। डेंगू चिकनगुनिया फैलने वाले चितकबरे एडीज इजिप्टी मच्छर की पहचान, उसके जीवन चक्र और रोकथाम के बारे में बात की जाएगी। जिला स्तरीय दल द्वारा पुलिस लाइन क्षेत्र में एंटी लारवा गतिविधियाँ कर डेंगू के प्रति जागरूक किया जाएगा। जयपुर में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में बीकानेर के डिप्टी सीएमएचओ स्वास्थ्य डॉ लोकेश गुप्ता का डेंगू मलेरिया रोकथाम में श्रेष्ठ कार्य के लिए सम्मान किया जाएगा।
देखें, साफ करें, ढंकें.. :
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, डॉ. पुखराज साध ने बताया कि इस वर्ष की थीम “देखें, साफ करें, ढकेंः डेंगू को हराने के उपाय करें“ रखी गई है। डेंगू को हराने के लिए सतर्कता, सफाई और बचाव ही सबसे महत्वपूर्ण उपाय हैं। डेंगू जैसी घातक बीमारी से बचाव के लिए मच्छरों के प्रजनन को रोकना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने जानकारी दी कि लगभग आधा वर्ष गुजरने को है और जिले में आदिनांक मात्र 36 रोगी चिन्हित हुए हैं।
ध्यान रहे साफ दिखने वाले पानी में फैलता है मच्छर :
डिप्टी सीएमएचओ स्वास्थ्य डॉ लोकेश गुप्ता ने बताया कि डेंगू फैलाने वाला एडीज इजिप्टी मच्छर साफ पानी में पनपता है, इसलिए पानी से भरे बर्तनों को ढक कर रखना, किचन और बाथरूम को सूखा रखना और सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करना जरूरी है। बुखार होने पर तुरंत अपने नजदीकी चिकित्सालय में जाकर चिकित्सक से परामर्श लेना भी आवश्यक है। उन्होंने बताया कि मई और जून में प्रत्येक रविवार को पानी जमा न होने देने का दिन “ड्राई डे“ मनाया जाएगा, ताकि मच्छरों के पनपने की संभावनाएं खत्म की जा सकें।
घर से ही होगी डेंगू-मलेरिया खात्मे की शुरुआत :
डॉ लोकेश गुप्ता ने बताया कि मच्छरों की रोकथाम का सबसे प्रभावी तरीका होता है एंटीलार्वल एक्टिीविटी, जिसके तहत् मच्छरों को पनपने से ही रोक दिया जाता है। इस क्रम में साफ पानी के तालाबों व पेयजल में टेमीफोस, खाद्य तेल, घरों में पाइरेथ्रम स्प्रे तथा जल स्त्रोंतो में मच्छर का लार्वा खाने वाली गम्बूशिया मछली डलवाने का कार्य किया जाता है।
ये करें :
पक्षियों के लिए रखे जाने वाले परिंडों को सप्ताह में एक बार खाली कर उन्हें बर्तन साफ करने वाले झामे से रगड़ कर, साफ कर व सुखाकर मच्छर के अण्डे एवं लार्वा नष्ट कर पुनः भरा जाये। कूलर, फ्रीज के पीछे की ट्रे, गमले, फूलदान इत्यादि हेतु भी यही प्रक्रिया अपनानी जानी चाहिए। छत पर रखे टूटे-फूटे सामान, कबाड़-टायर इत्यादि को हटाकर पानी इक्कठा होने से रोका जाये।
पानी की टंकी एवं अन्य बर्तनों को ढंक कर रखा जाये जिससे मच्छर उनमें प्रवेश कर प्रजनन न कर सकें।