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FMGE Exam : नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन में 81.39 प्रतिशत डाक्टर हुए फेल, अब नहीं कर पाएंगे प्रैक्टिस

फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जामिनेशन (FMGE) का जून सेशन का परिणाम जारी हो गया

 

नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन की ओर से फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जामिनेशन (FMGE) का जून सेशन का परिणाम जारी हो गया है। इस परीक्षा में विदेश से पढ़ाई करने आने वाले 81.39 प्रतिशत एमबीबीएस छात्र फेल हो गए। केवल 18.61 फीसदी छात्रों ने परीक्षा को पास किया। ऐसे में इन विद्यार्थियों को फिलहाल प्रैक्टिस करने के लिए इंतजार करना पड़ेगा। कुल 37,207 छात्रों ने परीक्षा दी थी, जिनमें से केवल 7,452 ही पास हो पाए। 5 छात्रों का परिणाम रोका गया है।

विदेश से एमबीबीएस करने वाले छात्रों को भारत में मेडिकल प्रैक्टिस करने और नीट पीजी की पात्रता हासिल करने के लिए इस परीक्षा से गुजरना होता है। यह मेडिकल की सबसे कठिन परीक्षा मानी जाती है। 300 अंकों के पेपर में पास होने के लिए छात्र को 150 अंक हासिल करना अनिवार्य है।

यह परीक्षा साल में दो बार जून और दिसंबर में होती है। नीट में जिन छात्रों की रैंक पर्याप्त नहीं आती, वे विदेश में दाखिला लेते हैं, क्योंकि वहां फीस कम है। कोविड से पहले सबसे ज्यादा छात्र चीन जाते थे। कोविड के बाद वहां जाने वालों की संख्या में गिरावट आई है।

अब छात्रों के लिए एक साल की इंटर्नशिप अनिवार्य

अब विदेश से एमबीबीएस करने वाले अधिकांश छात्रों के लिए एक साल की इंटर्नशिप करना अनिवार्य हो गया है। प्रत्येक मेडिकल कॉलेज में विदेश से एमबीबीएस करने वालों के लिए कुल सीटों का कुछ प्रतिशत आरक्षित रहता है। इंटर्नशिप के दौरान छात्रों को स्टाइपेंड भी दिया जाता है।

इंटर्नशिप पूरी करने के बाद ही छात्रों को देश में प्रैक्टिस की अनुमति मिलती है और वे नीट पीजी परीक्षा के लिए पात्र होते हैं। कुछ देशों में इंटर्नशिप पहले ही करवाई जाती है, फिर भी अधिकांश छात्र भारत में, खासकर सरकारी मेडिकल कॉलेजों में, इंटर्नशिप करना पसंद करते हैं।

परीक्षा के बाद आंसर-की का कोई प्रावधान नहीं

यह परीक्षा इसलिए भी कठिन मानी जाती है क्योंकि छात्र सवालों को लेकर किसी भी विशेषज्ञ से चर्चा नहीं कर सकते। वहीं, इसकी आंसर-की जारी नहीं की जाती, जिससे छात्र किसी भी प्रश्न पर आपत्ति दर्ज नहीं करा सकते। फेल होने वाले छात्रों के पास दिसंबर की परीक्षा देने के अलावा कोई विकल्प नहीं होता। यानी अगस्त में देश के करीब 30 हजार एमबीबीएस पास-आउट छात्र अब छह माह तक इंतजार करेंगे। एफएमजीई की कटऑफ हमेशा 50% रहती है और कोई छूट नहीं दी जाती।

परीक्षा में फ्रेशर्स का बेहतर प्रदर्शन, असफल छात्रों को अब दिसंबर तक इंतजार

एमएमजीई में अब फ्रेशर्स का प्रदर्शन बेहतर हुआ है। वे पहले ही प्रयास में परीक्षा पास कर रहे हैं। नए बैच के छात्र पढ़ाई में तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं। नीट को सिंगल एंट्रेंस परीक्षा करने के बाद फ्रेशर्स की संख्या भी बढ़ी है। जो छात्र असफल रहे उन्हें अब दिसंबर सेशन का इंतजार होगा।