Movie prime

बिहार में औद्योगिक क्रांति की नई मिसाल, मधेपुरा में बन रहा एशिया का सबसे शक्तिशाली रेल इंजन

 

RNE Network.
 

जिस बिहार को कभी ‘कैश, क्राइम और कास्ट’ जैसे मुद्दों के लिए जाना जाता था, आज वही बिहार देश के औद्योगिक मानचित्र पर एक नई पहचान गढ़ रहा है। राज्य के मधेपुरा में स्थित लोकोमोटिव फैक्ट्री में एशिया का सबसे शक्तिशाली और आधुनिक इलेक्ट्रिक रेल इंजन तैयार किया जा रहा है। यह 12,000 हॉर्सपावर का हाई-टेक इंजन मालगाड़ियों के लिए खास तौर पर डिजाइन किया गया है।

मेक इन इंडिया की मिसाल बना मधेपुरा:

मधेपुरा लोकोमोटिव फैक्ट्री के मैनेजिंग डायरेक्टर अभिषेक कुमार सिंह के मुताबिक, “साल 2019 से अब तक फैक्ट्री ने भारतीय रेलवे को 500 लोकोमोटिव सौंपे हैं। यह लोकोमोटिव पूरी तरह ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत तैयार किए जा रहे हैं।”

उन्होंने बताया कि इंजन निर्माण में इस्तेमाल होने वाले अधिकांश पार्ट्स भारत में ही बनाए जा रहे हैं। यह न सिर्फ देश में तकनीकी आत्मनिर्भरता को बढ़ावा दे रहा है, बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार भी मुहैया करा रहा है।

स्थानीय लोगों को मिल रहा रोजगार, महिलाएं भी निभा रहीं अहम भूमिका:

फैक्ट्री की वर्कफोर्स में बड़ी संख्या में बिहार के स्थानीय लोग शामिल हैं। इनमें महिलाएं भी सक्रिय भूमिका निभा रही हैं। अभिषेक सिंह बताते हैं कि आउटसोर्सिंग के माध्यम से स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है, जो अब आधुनिक तकनीकों पर काम कर रहे हैं।

हर साल रेलवे को दिए जा रहे हैं 100 इंजन:

मधेपुरा फैक्ट्री का भारतीय रेलवे के साथ एक दीर्घकालिक अनुबंध है, जिसके तहत हर साल 100 लोकोमोटिव तैयार कर सौंपने होते हैं। कंपनी ने यह लक्ष्य समय से पहले ही पूरा करने की क्षमता भी दिखाई है। हर तीन महीने में 25 इंजन रेलवे को डिलीवर किए जा रहे हैं।

बिहार में औद्योगिक क्रांति की ओर एक कदम:


मधेपुरा की यह फैक्ट्री न केवल बिहार के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणास्रोत बन गई है। जहां पहले उद्योगों की कमी महसूस की जाती थी, आज वहीं राज्य अत्याधुनिक तकनीक से लैस लोकोमोटिव तैयार कर रहा है।

मधेपुरा लोकोमोटिव फैक्ट्री, न सिर्फ भारतीय रेलवे की ताकत बन रही है, बल्कि यह साबित कर रही है कि अगर संकल्प और सही दिशा हो, तो बिहार भी देश के औद्योगिक विकास की धुरी बन सकता है।