Movie prime

असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती नियमों में हुआ बदलाव, लिखित परीक्षा और साक्षात्कार होगा 

 

उत्तरप्रदेश की योगी सरकार ने राजकीय महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती प्रक्रिया के नियमों को बदल दिया है। अब असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती लिए लिखित परीक्षा और साक्षात्कार को अनिवार्य कर दिया है। पहले असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती केवल साक्षात्कार के आधार पर होती थी। इसके कारण भर्ती प्रक्रिया पर लगातार सवाल उठते रहते थे। इसलिए भर्ती में पारदर्शिता लाने के लिए साक्षात्कार से पहले लिखित परीक्षा का आयोजन करने का निर्णय  लिया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में उच्च शिक्षा विभाग के दो प्रमुख प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई। इसके तहत अब उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा (समूह-क) सेवा (तृतीय संशोधन) नियमावली-2025 के अंतर्गत नियुक्ति प्रक्रिया में लिखित परीक्षा (सब्जेक्टिव टाइप) को शामिल किया गया है।

उच्च शिक्षा मंत्री डा. योगेन्द्र उपाध्याय ने बताया कि मुख्यमंत्री की मंशा है कि राज्य के उच्च शिक्षण संस्थानों में योग्य, मेधावी और प्रतिबद्ध शिक्षकों की नियुक्ति हो, जिससे विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके। अंकों के निर्धारण के लिए एक विशेष कमेटी बनाई जाएगी जो तय करेगी कि लिखित परीक्षा और इंटरव्यू के लिए कितने अंक निर्धारित किए जाएं।

बैठक में प्रस्ताव दिया गया कि चयन प्रक्रिया में 70 प्रतिशत वेटेज लिखित परीक्षा को और 30 प्रतिशत साक्षात्कार को दिया जाए, लेकिन चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने साक्षात्कार के अंकों को और कम करने का सुझाव दिया। संभावना है कि अब यह अनुपात 80:20 किया जाएगा। यानी 80 प्रतिशत अंक लिखित परीक्षा और 20 प्रतिशत अंक साक्षात्कार के आधार पर तय हो सकते हैं। हालांकि इसका निर्णय करने के लिए कमेटी गठित की जाएगी।

चयन में लिखित परीक्षा को शामिल करने का मकसद चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता को सुनिश्चित करना है। शिक्षकों की गुणवत्ता सुधारने के लिए एक ठोस व्यवस्था तैयार करना भी है। केवल इंटरव्यू से भर्ती होने के चलते कई बार योग्य उम्मीदवारों को अवसर नहीं मिल पाता था और चयन प्रक्रिया पर भरोसा कम होता जा रहा था।

लिखित परीक्षा के शामिल होने से विषय ज्ञान की जांच सुनिश्चित होगी और राज्य के शैक्षिक माहौल में भी सुधार आएगा। प्रदेश में 171 राजकीय महाविद्यालय संचालित हैं, 49 नवनिर्मित राजकीय कालेज हैं। इन कालेजों में करीब 2346 शिक्षक कार्यरत हैं। चयन प्रक्रिया में बदलाव होने से आगे की नियुक्तियों में प्रतिभाशाली युवाओं को मौका मिलेगा।