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Cet Exam New Update : सीईटी परीक्षा में अगर डायक्यूमेंट जमा नहीं करवाया तो फंस जाओगे मुसीबत में 

 परीक्षा परिणाम जारी होने से पहले तक यह डायक्यूमेंट आनलाइन पोर्टल पर जमा करवा सकते है
 

हरियाणा में सीईटी परीक्षा को लेकर बड़ा अपडेट आया है। सर्वर डाउन होने की स्थित में काफी परीक्षाथी अपने महत्वपूर्ण डायक्यूमेंट जमा करवाने से वंचित रह गए थे, लेकिन सरकार की तरफ से ऐसे परीक्षार्थियों को दोबारा डायक्यूमेंट  जमा करवाने का मौका दिया है। अगर यह डायक्यूमेंट समय रहते जमा नहीं किया तो उनको इससे मिलने वाला लाभ से वंचित हो जाएंगे।

सरकार ने यह फैसला उस समय लिया है जब सीइटी परीक्षा का आवेदन करने के लिए पोर्टल दोबारा से खोलने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। जहां पर सरकार की तरफ से हाईकोर्ट में पक्ष रखा कि वह सीईटी के लिए नए आवेदन करने के लिए पोर्टल को तो दोबारा नहीं खोलेंगे, लेकिन जिन परीक्षार्थियों ने आवेदन करने से कागजात जमा करवाने से वंचित रह गए थे, उनको डायक्यूमेंट जमा करवाने का मौका जरूर दिया जाएगा।

इसके लिए परीक्षार्थी परीक्षा परिणाम जारी होने से पहले तक यह डायक्यूमेंट आनलाइन पोर्टल पर जमा करवा सकते है। सरकार के इस फैसले से हजारों युवाओं को राहत मिली है। इस फैसले का लाभ भी उन परीक्षार्थियों को मिलेगा जिन्होंने अंतिम तिथि से पहले आनलाइन आवेदन किया है। 

सामान्य श्रेणी में आवेदन करने पर हुए थे मजबूर 


हरियाणा में ग्रुप-सी के पदों के कामन एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीईटी) के लिए जून माह में सरकार द्वारा आनलाइन आवेदन मांगे गए थे, लेकिन अचानक ही ज्यादा लोड होने के कारण सरल पोर्टल धीमा हो गया था और काफी युवा अपना जाति प्रमाण पत्र नहीं बनवा पाए थे। अंतिम तिथि तक जाति प्रमाण पत्र नहीं बनने पर परीक्षार्थियों को आरक्षित कोटे में होने के बावजूद उनको सामान्य श्रेणी में आवेदन करना पड़ा था। इसके कारण इन युवाओं को सामान्य श्रेणी में होने के कारण उच्च मेरिट का डर सता रहा था, लेकिन सरकार ने अब इन परीक्षार्थियों को जाति प्रमाण पत्र बनवाकर उसको पोर्टल पर अपलोड करने का मौका दिया है। 

याचिककर्ता ने ओटीपी नहीं आने का लगाया था आरोप 


पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में कुछ अभ्यर्थियों ने याचिका दायर की थी कि हरियाणा सरकार द्वारा सीईटी परीक्षा में आवेदन करने के लिए थोड़ा समय दिया गया है। इसके कारण अचानक ही आवेदन करने वालों की संख्या ज्यादा हो गई और ओटीपी आना ही बंद हो गया था। इसके कारण काफी युवा आवेदन करने से वंचित रह गए थे। इसलिए सरकार को आदेश दिए जाए कि वह दोबारा से पोर्टल खोल दे, ताकि युवा अपना आवेदन कर सके।

हाई कोर्ट ने ओटीपी देर से आने या न आने की मांग मानने से इंकार कर दिया और दोबारा से पोर्टल खोलने से मना कर दिया।  याचिकाकर्ता के वकील चरणजीत कुश ने कोर्ट में दलील दी कि 2022 की सीईटी प्रक्रिया में पंजीकरण के लिए एक वर्ष से अधिक का समय दिया गया था, जबकि इस बार केवल 15 दिन का ही अवसर मिला है, जोकि गलत है। लेकिन हाईकोर्ट ने यह तर्क मानने से इंकार कर दिया।