Electricity Bill : बिजली बिल नियमों में होगा बदलाव, अब डिजिटल तरीका अपनाएंगे राज्य
देश में बिजली व्यवस्था में जल्द ही बदलाव आने वाला है। अब बिजली उपभोक्ताओं के पास कागज पर बिल नहीं आएगा, बल्कि उसको डिजिटल किया जाएगा। जहां पर बिजली का बिल उपभोक्ता के मोबाइल नंबर पर ही आएगा और उपभोक्ता आनलाइन ही पूरे बिल की डिटेल को देख सकेगा। अब तक 18 राज्य तैयार हो गए है।
इसे कुछ जगहों पर स्मार्ट मीटर के सहारे तो अन्य में व्यावहारिक रूप से आंशिक तरीके से शुरू किया गया है, लेकिन अब चरणबद्ध तरीके से इन राज्यों में बिल को पूरी तरह डिजिटल कर दिया जाएगा। यह ओटीपी जनरेट बिल रहेगा, जो कि उपभोक्ता कभी भी देख सकेगा। यह उपभोक्ता की जिम्मेदारी रहेगी कि वह बिल देखे और समय पर जमा करें।
सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय एजेंसी राष्ट्रीय ई-गर्वेनेंस सर्विसेस के जरिए राज्यों के मैन्युअल बिजली बिल खत्म करके डिजिटल बिल करने पर काम हो रहा है। इसके डिजिटल स्पेस नेटवर्क पर ही बिजली बिल को डिजिटल फार्मेट में रखा जाएगा।
एकीकृत डेटा से होगा अध्ययन
बिजली बिल का एकीकृत डेटा अध्ययन का आधार भी बन सकेगा। इसके अलावा शिकायतों के समाधान की ओर भी एकीकृत डेटा से आसानी होगी। इसमें हर बिल की शिकायत अलग होती है, लेकिन उसके पैटर्न व खामियों को समझने में आसानी होगी।
ग्रामीण दूरस्थ इलाके जहां नेटवर्क नहीं है, वहां क्या होगा
डिजिटल फॉर्मेट में बिजली बिल कॉमन नेटवर्क पर रहेगा। कहीं नेटवर्क की समस्या है तो ऐसे स्थानों पर फिलहाल जो व्यवस्था है, वह जारी रहेगी। आगे चलकर इसका हल निकलेगा।
किसी को मैन्युअल बिल चाहिए
डिजिटल फॉर्मेट का प्रिंट लिया जा सकेगा। वेरिफिकेशन कॉमन नेटवर्क पर हो जाएगा।
यह व्यवस्था कब तक होगी, इसका फायदा क्या?
इसे अलग-अलग चरणों में लागू किया जाएगा। इसमें काफी समय लगेगा। इसका बड़ा फायदा पेपरलेस वर्किंग व ऑनलाइन वेरिफिकेशन का होगा। इससे मैनपावर की कमी की समस्या से निपटा जा सकेगा।