Teacher Eligibility Test : कक्षा एक से आठ के शिक्षकों की नौकरी पड़ी खतरे में, पात्रता परीक्षा पास नहीं की तो जाएगी नौकरी
सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला देशभर के कक्षा एक से आठवीं कक्षा के शिक्षकों पर होगा लागू
देश में शिक्षा की स्थिति को सुधारने व टीचरों की पढ़ाने की क्षमता की जांचने के लिए सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला आया है। यह आदेश देशभर में तैनात शिक्षकों पर लागू होंगे। जहां पर कक्षा एक से आठवीं तक पढ़ाने वाले शिक्षकों को एक बार फिर से पात्रता परीक्षा से होकर निकलना पड़ेगा। अगर यह पात्रता परीक्षा को पास कर लेता है तो उसकी नौकरी बची रहेगी और उसको प्रमोशन का भी मौका मिलेगा।
अगर ऐसा नहीं कर पाता है तो उसकी नौकरी भी जाएगी। यह अहम फैसला सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने कक्षा एक से आठवीं कक्षा के शिक्षकों की शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी टीईटी करवाने के आदेश दिए है और शिक्षको के लिए यह परीक्षा पास करना अनिवार्य किया गया है।
हालांकि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ शिक्षकों में विरोध का स्वर फूट रहा है और कहा है कि शिक्षकों को लगे हुए कई कई साल हो गए है, अगर ऐसे में परीक्षा देनी पड़ गई तो कई शिक्षकों की नौकरी चली जाएगी।
शिक्षक पात्रता परीक्षा पास करने के लिए मिलेगा दो साल का समय
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार कक्षा एक से आठवीं तक पढ़ाने वाले शिक्षकों को पात्रता परीक्षा में शामिल होना अनिवार्य किया है। नौकरी बचाने के लिए शिक्षकों को यह परीक्षा पास करना अनिवार्य होगा और इसके लिए शिक्षक को दो साल का समय मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला पूरे देश के प्राथमिक और जूनियर शिक्षकों पर समान रूप से लागू होगा।
यहां तक कि उन शिक्षकों पर भी लागू होगा जिनकी नियुक्ति शिक्षा के अधिकार (आरटीई) कानून लागू होने से पहले हुई थी। फैसले में कहा है कि जो शिक्षक नौकरी में हैं और उनकी नौकरी अभी पांच साल से ज्यादा बची हुई है, उन्हें भी नौकरी में ऐसा नहीं करने पर नौकरी जाएगी, टीईटी पास किए बिना प्रमोशन भी नहीं बने रहने और प्रमोशन के लिए दो वर्ष के भीतर टीईटी पास करना होगा। यह महत्वपूर्ण फैसला जस्टिस दीपांकर दत्ता व जस्टिस मनमोहन की पीठ ने देश के विभिन्न उच्च न्यायालयों के फैसलों के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर सोमवार को दिया।