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तीन राज्यों को जोड़ेगा एक्सप्रेस वे, 313 गांव की प्रापर्टी हो जाएगी महंगी  

नेशनल हाईवे तीन राज्यों के 8 जिलों व 13 प्रखंडों होते हुए निकलेगा। इस दौरान तीनों राज्यों के 313 गांव आएंगे
 

Gorakhpur-Siliguri Expressway : भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा तीन राज्यों को जोड़ने वाले नए नेशनल हाईवे के प्रस्ताव को हरी झंडी दिखा दी है। इस हाइवे के निर्माण के लिए NHAI द्वारा सर्वे किया जा चुका है और इसके लिए जल्द ही हाइवे के निर्माण के लिए टेंडर लगाए जाएंगे। यह नेशनल हाईवे तीन राज्यों के 8 जिलों व 13 प्रखंडों होते हुए निकलेगा।

इस दौरान तीनों राज्यों के 313 गांव आएंगे। इसमें जिन गांवों के किसानो की जमीन आ रही है, उसको मुआवजे के तौर पर करोड़ों रुपये की राशि दी जाएगी। आपको बता दे कि एनएचएआई द्वारा आगामी वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 3.4 लाख करोड़ रुपये की लागत से 124 नेशनल हाईवे और एक्सप्रेसवे बनाए जाएंगे।

इसी योजना के तहत गोरखपुर -सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जाएगा। यह नेशनल हाईवे उत्तरप्रदेश से शुरू होगा और यह बिहार से होते हुए पश्चिम बंगाल तक जाएगा। यह तीनों ही राज्यों के जिलों से होते हुए निकलेगा। गोरखपुर -सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे उत्तर भारत को पूर्वोत्तर से जोड़ेगा और इससे इन राज्यों के लिए बेहतर कनेक्टिविटी होगी। 

बिहार के इन जिलों से होकर निकलेगा हाइवे 

गोरखपुर -सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे एनएचएआई द्वारा सर्वे किया जा चुका है। यह नेशनल हाईवे उत्तरप्रदेश के गोरखपुर से शुरू होगा। इसके बाद यह बिहार प्रदेश में प्रवेश कर जाएगा। इसमें बिहार के पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज जिले आएंगे। इसके बाद यह पश्चिम बंगाल में प्रवेश कर जाएगा और यह पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी तक जाएगा। 

14 घंटे का सफर रह जाएगा सात घंटे

 गोरखपुर -सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे को आधुनिक तकनीकी से बनाया जाएगा और इस हाइवे पर चलने वाले वाहनों की स्पीड भी ज्यादा होगी।  गोरखपुर -सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे की लंबाई लगभग 568 किलोमीटर होगी। इस नेशनल एक्सप्रेस वे को हाइब्रिड एन्युइटी मॉडल (HAM) के तहत बनाया जाएगा। इसमें वाहनों की स्पीड तेज होगी। इसलिए इस हाईवे पर वाहन चालकों का आधा समय बच जाएगा। फिलहाल गोरखपुर से किशनगंज तक जाने में लगभग 14 घंटे का समय लगता है, लेकिन इसके निर्माण के बाद सात घंटे में ही सफर तय हो जाएगा। इससे वाहन चालकों के समया की बचत होगी।