राजस्थान में दो पंप पर बिक रहा था नकली तेल, सरकार को लगा दिया 1100 करोड़ का चूना
वर्ष 2022 के बाद भी बेच रहे थे नकली बायोफ्यूल
राजस्थान में तीन जुलाई को पेट्रोल को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। जहां पर नकली तेल बेचते हुए दो पेट्रोल पंपों को पकड़ा है। यह पेट्रोल पंप वाहनों को धड़ल्ले से नकली तेल बेच रहे थे, लेकिन प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगी। तीन जुलाई को राजस्थान के कृषि मंत्री किरोड़ी मीणा को इसकी भनक लग गई और उन पेट्रोल पंप पर छापेमारी कर दी। नकली तेल का कारोबार करने वाले यह लोग पकड़े जाने के डर से मौके से फरार हो गए।
जहां पर सामने आया कि पेट्रोल पंप पर असली तेल के नाम पर बायोफ्यूल बनाकर बेचा जा रहा था। इससे जहां केंद्र व राज्य सरकार को राजस्व के तौर पर मोटा नुकसान हो रहा था। मंत्री के अनुसार कोटियार्क इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड ने बायोफ्यूल बनाकर राजस्थान सरकार को करीब 1000 करोड़ और केंद्र सरकार को 100 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान किया है। इसके अलावा इस तेल का प्रयोग करने से वाहनों से निकल रहे धुएं से पर्यावरण भी प्रदूषित हो रहा है।
वर्ष 2022 के बाद भी बेच रहे थे नकली बायोफ्यूल
कृषि मंत्री किरोड़ी मीणा ने बताया कि जांच में सामने आया कि स्वरूपगंज स्थित मैसर्स कोटियार्क इंडस्ट्रीज की बायोफ्यूल निर्माण की वैधता जुलाई 2022 में ही समाप्त हो गई थी। इसके बावजूद इस कंपनी ने अवैध रूप से 30 लाख लीटर बायोफ्यूल का उत्पादन कर उसे बेचा। जांच में यह भी सामने आया कि उनके पास सिर्फ 7.72 लाख लीटर कच्चा माल (रॉ मटेरियल) और तीन लाख लीटर का स्टॉक था, जिससे अधिकतम 10 लाख लीटर ईंधन ही बनाया जा सकता था।
लेकिन वहां से करीब 20 लाख लीटर नकली फ्यूल पाया गया, जिसमें हाइड्रोकार्बन ऑयल, फर्नेस ऑयल और एमटीओ जैसी प्रतिबंधित चीजों का इस्तेमाल किया गया। इससे तैयार होने वाले तेल से पर्यावरण को नुकसान हो रहा है। राज्य सरकार को हर साल करीब 60 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया है। छह साल में सरकार को लगभग 360 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। कोटियार्क इंडस्ट्रीज ने अकेले ही सरकार को 1000 करोड़ रुपये के राजस्व का चूना लगाया है।
कंपनी को ही करवा दिया सीज
मंत्री किरोड़ी लाल की छापेमारी के दौरान फर्जीवाड़ा सामने आने पर प्रशासन हरकत में आ गया। जहां पर नकली बायोफ्यूल पाए जाने पर मंत्री किरोड़ी लाल ने मौके पर ही कंपनी को सीज करने और एफआईआर दर्ज कराने के आदेश जारी कर दिए। इस दौरान मंत्री विश्व खनिज प्राइवेट लिमिटेड और वासुदेव बायो एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड पहुंचे, जहां पता चला कि विश्व खनिज प्राइवेट लिमिटेड की उत्पादन स्वीकृति फरवरी 2023 में समाप्त हो चुकी थी। इसके बावजूद कंपनी ने 48 हजार लीटर बायोफ्यूल इंडियन ऑयल को बेचा। इसका खुलासा दस्तावेजों की जांच के बाद हुआ।
राजस्थान के सिरोही के पेट्रोप पंप पर मंत्री के पहुंचते ही वहां पर हड़कंप मच गया। मंत्री का काफिला जैसे ही पंप पर पहुंचा तो वहां पर तैनात कर्मचारी डर के चलते मौके से फरार हो गए। इसके बाद मंत्री ने मौके पर अधिकारियों को बुलाकर बायोफ्यूल की जांच करवाई। जहां पर सामने आया कि नकली और गुणवत्ताहीन पाया गया। इस इंधन का प्रयोग करने के कारण ट्रकों के इंजन में काफी नुकसान हो रहा है। इसके कारण ट्रक मालिकों को भी आर्थिक नुकसान हो रहा है।