Movie prime

Income Tax Department : आयकर रिटर्न भरते पकड़ा जाएगा फर्जीवाड़ा, एडवांस टूल का इस्तेमाल कर रहा आयकर विभाग 

रिटर्न में गलत जानकारी देने वालों के ठिकानों पर आयकर विभाग कर रहा छापेमारी 
 

आयकर रिटर्न में गलत जानकारी देने वालों के खिलाफ आयकर विभाग सख्त हो गया है। आयकर रिटर्न में गलत जानकारी देकर पहले बच जाते थे, लेकिन इस बार आयकर विभाग ने ऐसे लोगों की पहचान करने के लिए एडवांस टूल का प्रयोग कर रहा है। यह एडवांस टूल रिटर्न भरने वाले व्यक्ति की सभी जानकारी सेकेंडों में हासिल कर लेते है और उनका फर्जीवाड़ा सामने आ जाता है।

ऐसे फर्जीवाड़ा करने वालों की पहचान करके जहां पर विभाग द्वारा नोटिस देकर जवाब मांगा जा रहा है, वहीं छापेमारी शुरू कर दी है। इसी कड़ी में आयकर विभाग ने अलग-अलग राज्यों में छापेमारी की है। वित्त मंत्रालय ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करके कहा कि ऐसे लोग झूठे दस्तावेजों और गलत जानकारियों के आधार पर टैक्स से बचने की कोशिश कर रहे थे,

ऐसे लोगों पर कार्रवाई की जा रही है। इस फर्जीवाड़े में अकेले नहीं बल्कि कुछ पेशेवर सलाहकारों जैसे टैक्स सलाहकारों और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स की मिलीभगत से की जा रही थी। ऐसे में फर्जीवाड़ा में शामिल सभी लोगों पर कार्रवाई की जा रही है। 

फर्जीवाड़े को पकड़ने के लिए इन टूल का हो रहा प्रयोग 

आयकर विभाग द्वारा रिटर्न भरने में किए जा रहे फर्जीवाड़े को पकड़ने के लिए एडवांस टूल का प्रयोग किया जा रहा है। इसमें डेटा एनालिटिक्स, बाहरी स्रोतों से मिली जानकारी, गुप्त सूचनाएं और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे आधुनिक टूल का प्रयोग किया जा रहा है। यह टूल हर व्यक्ति का डाटा मिनटों में आयकर विभाग को उपलब्ध करवा देता है। ऐसे ही फर्जीवाड़ा पकड़कर महाराष्ट्र, तमिलनाडु, दिल्ली, गुजरात, पंजाब और कर्नाटक में की गई तलाशी और जब्ती की कार्रवाई की गई है। 

इन छूटों का उठा रहे फायदा 

वित्त मंत्रालय ने बताया कि अभी तक जांच में सामने आया है कि टैक्स कानून की कई धाराओं के तहत मिलने वाली कटौतियों और छूटों का बड़े पैमाने पर गलत प्रयोग किया जा रहा है। इसमें सेक्शन 10(14), 80GG यानी किराये की कटौती, 80E यानी शिक्षा ऋण पर ब्याज, 80D यानी स्वास्थ्य बीमा, 80EE और 80EEA यानी होम लोन पर ब्याज, 80G और 80GGA यानी दान पर छूट और सेक्शन 10(13A) यानी एचआरए छूट जैसी सुविधाएं ऐसे लोग ले रहे हैं जो असल में इसके पात्र नहीं हैं।

सरकार ने यह भी बताया कि केवल निजी कंपनियों के कर्मचारी ही नहीं बल्कि मल्टीनेशनल कंपनियों, सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों और सरकारी विभागों में काम करने वाले कुछ कर्मचारी भी इन टैक्स छूटों का गलत फायदा उठा रहे हैं। इसके अलावा सैलरीधारकों ने अपने आयकर रिटर्न में झूठे या बढ़ा-चढ़ाकर दिखाए गए कटौती के आंकड़े भर दिए ताकि उनका टैक्स कम लगे या उन्हें ज़्यादा रिफंड मिल जाए

 कुछ लोगों ने तो टैक्स सिस्टम को चकमा देने के लिए जानबूझकर अपनी आमदनी बढ़ाकर दिखाई या कटौतियों में गड़बड़ी की जिससे ज़्यादा रिफंड मिल सके, लेकिन जब विभाग ने जांच शुरू की तो पेनल्टी से बचने के लिए उन्होंने वह रिफंड वापस कर दिया।