वाहन प्रदूषण जांच के नाम पर फरेब !!
जरूरत पड़े तो बिना जांच शुल्क देकर सर्टिफिकेट लें
अवधि पार टैक्सियों को भी सही होने का मिल जाता प्रमाण पत्र
प्रदूषण से लोग हो रहे बीमार, ये लापरवाही खतरनाक

रितेश जोशी
RNE Special.
दृश्य:: 1
नेशनल हाईवे की सड़क। सड़क किनारे एक मेटाडोर। जिस पर लिखा है प्रदूषण जांच वाहन। उसमें वाहन के प्रदूषण को जांचने की मशीन लगी है। एक आदमी आराम से सीट पर अधलेटा सुस्ता रहा है।
कार का वाहन चालक रुकता है। उस अधलेटे व्यक्ति को आवाज लगाता है। वो पूछता है, क्या बात है। वो बताता है, प्रदूषण जांच का सर्टिफिकेट लेना है। वो पैसा बताता है, पैसे लेकर वो प्रदूषण जांच सही होने का प्रमाण पत्र थमाता है। फिर सुस्ताने लगता है।
न मशीन चली। न आने वाले के वाहन की जांच हुई। न कुछ आवाज हुई। सीधे ही पैसे लेकर सर्टिफिकेट पकड़ा दिया गया। वो कार धुंआ छोड़ती हुई निकल गई। धुंआ बता रहा था कि कार वायु को प्रदूषित कर रही है। मगर उसके पास तो कार फिट होने का सर्टिफिकेट अधिकृत था।
दृश्य :: दो
एक अवधि पार टैक्सी भीमसेन चौधरी चौराहे से गुजर रही थी। भीतर 4 सवारी। पीछे से इतना तेज काला धुंआ निकल रहा था कि कोई वाहन चालक पास भी आने से कतरा रहा था। साइड में ट्रेफिक सिपाही।
उससे देखा नहीं गया। उसने मुंह पर कपड़ा रखा और हाथ देकर टैक्सी को रुकवा दिया। पहले उसे बंद कराया। फिर कहा, टैक्सी इतना धुंआ छोड़ती है कि पूरा वातावरण प्रदूषित हो गया। प्रदूषण फैलाने पर चालान कटेगा। टैक्सी ड्राइवर मुस्कुराया। बोला ऐसे कैसे चालान कटेगा। मेरी टैक्सी प्रदूषण फैलाती ही नहीं। यह कहकर उसने पास की गुल्लक से प्रदूषण का फिट सर्टिफिकेट निकाला और सिपाही को थमा दिया। 2 घन्टे पहले की ही रसीद थी। सिपाही निरुत्तर। कानूनन टैक्सी प्रदूषण की दृष्टि से सही थी। सिपाही ने मजबूरी में उसे जाने दिया।
ये दो दृश्य इस बात का सबूत है कि प्रदूषण की जांच का काम कितनी लापरवाही से किया जाता है। जांच होती ही नहीं और सर्टिफिकेट थमा दिया जाता है। इस कारण ही अब बीकानेर में वायुमंडल का प्रदूषण बहुत अधिक बढ़कर चिंताजनक स्थिति में पहुंच गया है।
इन बीमारियों के रोगी बढ़े:
पीएबीएम अस्पताल के आंकड़ों के अनुसार पिछले कुछ वर्षों से बीकानेर में अस्थमा, हार्ट व वायरल के ही सर्वाधिक रोगी बढ़े हुए है। ये रोग शुद्ध हवा न मिलने से तेजी पकड़ते है। वायुमंडल का प्रदूषण इन रोगों के होने का एक बड़ा कारण है। मतलब वायुमंडल का ये प्रदूषण शहर के लोगों के लिए घातक हो गया है।
वाहन की जांच होते देखा क्या?
अगर किसी भी सड़क पर, कभी भी किसी ने भी इन प्रदूषण जांच वाहन से किसी वाहन की जांच होते देखा हो तो बताये। ये अलौकिक दृश्य देखने वाला भाग्यशाली होगा। जब जांच की ही नहीं जाती तो फिर इन वाहनों को अधिकृत करने की क्या जरूरत है।
सोया हुआ है परिवहन विभाग:
इन दृश्यों, हालातों को देखकर तो यही लगता है कि बीकानेर का परिवहन विभाग सोया हुआ है। उसे बीकानेर के वायुमंडल को प्रदूषण से बचाने की चिंता नहीं है। उसे बीकानेर के लोगों को गंभीर बीमारियों से सुरक्षित रखने चाह नहीं है, उलटे वो लोगों को बीमारियां बांटने का काम करता है। उसे तो बस अपनी कमाई की चिंता है।
कैसे चल रही अवधि पार टैक्सियां:
बीकानेर बी 2 शहर है। अवधि पार टैक्सियां यहां चलनी ही नहीं चाहिए। मगर धड़ल्ले से चल रही है। उनको कोई टोकने वाला भी नहीं। परिवहन विभाग को तो इससे कोई मतलब ही नहीं। ये एक तरह से बड़ा अपराध है, इसके लिए परिवहन विभाग भी दोषी है।
हे माननीयों ! आप तो बचाओ हमें:
एक सांसद जो केंद्र के मंत्री। सत्तारूढ़ दल के 6 विधायक। ये माननीय जनता का भरोसा है। इनको तो जनता की चिंता करनी चाहिये। परिवहन विभाग यदि लापरवाही बरत रहा है तो जिम्मेवार अधिकारियों को चिन्हित कर विभागीय कार्यवाही करानी चाहिए। अपनी जनता के लिए हे माननीयों, कुछ करो।