Haryana News : हरियाणा के इस शहर में पराली से इंडियन आयल बनाएगा एथेनॉल व इंजन ऑयल
पानीपत स्थित देश की सबसे बड़ी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन रिफाइनरी अब इंजन ऑयल भी बनाएगी। अभी यहां पेट्रोल-डीजल समेत करीब 14 प्रकार के प्रमुख उत्पाद बन रहे हैं। वर्तमान में इस रिफाइनरी की क्षमता 1.5 करोड़ टन सालाना है। अभी भी एक करोड़ टन की क्षमता का विस्तार किया जा रहा है। इसके बाद कुल क्षमता दिसंबर 2025 से 2.5 करोड़ टन जाएगी।
रिफाइनरी के प्रमुख और कार्यकारी निदेशक एमएल डहेरिया ने कहा कि पानीपत रिफाइनरी में अब इंजन ऑयल भी बनाया जाएगा। हम 5.6 लाख टन का वार्षिक उत्पादन करेंगे। इसकी शुरुआत इसी साल दिसंबर से शुरू हो जाएगी। यहां ग्रुप दो और तीन की गुणवत्ता वाला इंजन ऑयल बनाया जाएगा। अभी इंडियन ऑयल की हल्दिया रिफाइनरी में ही यह बनाया जा रहा है। इस प्रकार पानीपत देश में दूसरी रिफाइनरी हो जाएगी, जहां इंजन ऑयल भी बनेगा।
एटीएफ में 2% एसएएफ मिलाने को लगेगा प्लांट
रिफाइनरी में एयर टर्बाइन फ्यूल (एटीएफ) पहले से ही बनाया जा रहा है। अप्रैल 2027 से एटीएफ में दो फीसदी सस्टेनेबल एविएशन फ्यूल (एसएएफ) मिलाने के नियम को देखते हुए रिफाइनरी एसएएफ का नया प्लांट भी लगाने जा रही है।
यह प्लांट भी कॉम्प्लेक्स के अंदर ही होगा। देश में कंपनी की कुल नौ रिफाइनरी हैं। विस्तार योजना पर करीब 38 हजार करोड़ रुपए का निवेश किया जा रहा है। यहां प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से 24 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिल रहा है।
एथेनॉल के लिए 60 हजार टन से अधिक पराली का स्टॉक
पानीपत रिफाइनरी में पराली से एथेनॉल बनाया जा रहा है। इसके लिए पिछले धान सीजन में किसानों से 20 हजार टन से अधिक पराली की खरीदी की गई। पराली के बदले 2300 रुपए से लेकर 4500 रुपए टन के हिसाब से भुगतान किया गया। हालांकि, इंडियन ऑयल की रिफाइनरी में पुराना स्टॉक भी बचा हुआ है। इस प्रकार कुल 60 हजार टन पराली का स्टॉक है।
पराली के प्रबंधन के लिए 123 एकड़ जमीन किराए पर ली गई है। है। रिफाइनरी में वर्तमान में 40 टन प्रतिदिन एथेनॉल बनाया जा रहा है, जबकि क्षमता सौ टन प्रतिदिन की है। आने वाले सीजन में इस वर्ष रिफाइनरी अधिक मात्रा में पराली की खरीद करेगी। मॉनसून के अनुकूल होने के अनुमान से राज्य में इस बार अधिक धान की रोपाई की संभावना बनी।