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Janmashtami festival : क्या आप जानते है, कान्हा का कौन सा जन्मोत्सव, दुल्हन की तरह सजी नगरी, लाखों श्रद्धालु पहुंचे

मथुरा में जन्माष्टमी का अलग ही रंग है। जहां पर देश व विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंच चुके है।
 
 

जन्माष्टमी को लेकर पूरे देश में धूम दिखाई दे रही है, लेकिन मथुरा में जन्माष्टमी का अलग ही रंग है। जहां पर देश व विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंच चुके है। जहां पर हर गली में आपको श्रीकृष्ण गोविंद, हरे मुरारी... हे नाथ नारायण वासुदेवा सुनाई देता है। हर ब्रजवासी उल्लास से भरा हुआ है, क्योंकि भगवान श्रीकृष्ण का शनिवार को जन्मोत्सव मनाया जाना है।

हर कोई भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मना रहे है, लेकिन किसी को यह पता नहीं कि अब कौन सा जन्मोत्सव है। हम आपको बता दे कि यह भगवान श्रीकृष्ण का 5252वें जन्मोत्सव मनाया जा रहा है। शनिवार को कान्हा का जन्मोत्सव है, लेकिन उससे पहले ही पूरा ब्रज दुल्हन की तरह सजा है। इस अद्भुत पल का साक्षी बनने के लिए दूर-दूर से कृष्ण के भक्त उनकी नगरी पहुंचे तो हर ब्रजवासी उनके स्वागत को आतुर है।

लाला के जन्म की खुशी कितनी है, यह शहर की सड़कें देखकर पता चल जाएगा। रंग-बिरंगे कपड़ों से चौराहे सजे हैं और रोशनी चार चांद लगा रही है। शनिवार रात 12 बजे श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर कंस के कारागार में लाला का प्राकट्य होगा। एक दिन पहले ही शुक्रवार को लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचने लगे हैं। जन्मस्थान जाने वाले हर रास्ते पर बस भीड़ ही भीड़ है। जन्मस्थान भी अद्भुत रंगों से सजा है। जन्मोत्सव पर ठाकुरजी मेघधनु (इंद्रधनुषी रंग की) पोशाक धारण करेंगे। इसमें नाम के अनुरूप इंद्रधनुष के सातों रंगों का प्रयोग रेशम, जरी, रत्नों के रूप में किया गया है। 

इतनी किलो की चांदी से सजाया गया गर्भगृह 

मथुरा में बनी श्रीकृष्ण जन्मभूमि में कंस की कारा (गर्भगृह) को चांदी से सजाया गया है। इसमें  221 किलो चांदी की परत से सजाया जाएगा। गर्भ गृह में पुष्प बंगला बनेगा। लगभग 51 किलोग्राम चांदी से मां योगमाया मंदिर में सिंहासन, अस्त्र-शस्त्र, पादुकाएं तैयार कराई गई हैं। भगवान श्रीकृष्ण सिंदूर पुष्प बंगला में विराजमान होंगे। जन्मोत्सव पर आपरेशन सिंदूर की झलक दिखाई देगी। 

शोभायात्रा में जीवंत हुई ब्रज की संस्कृति

शुक्रवार को श्रीकृष्ण जन्मस्थान से लोक कलाकारों की शोभायात्रा के साथ ही श्रीकृष्णोत्सव का श्री गणेश हो गया। शोभायात्रा का शुभारंभ चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण ने ढोल बजाकर किया। शोभायात्रा में ब्रज की संस्कृति जीवंत हो उठी।

लोक कलाकारों ने अपनी झांकियों के माध्यम से कृष्ण की लीलाओं का मंचन भी किया। टोलियां संकीर्तन करती हुईं गुजरीं तो श्रद्धालु भी कृष्ण रंग में रंग गए। शोभायात्रा विभिन्न स्थानों से होते हुए वापस जन्मस्थान पहुंची।