New Bypass Route : कांडला बंदरगाह से अजमेर तक के भारी वाहनों को मिलेगा नया बाईपास, डीपीआर हो रही तैयार
केंद्र सरकार भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) द्वारा लंबे रुट के वाहनों को नया बाईपास देने की तैयारी कर ली है। यह बाईपास गुजरात, राजस्थान, हरियाणा सहित अन्य राज्यों के वाहनों की रफ्तार को बढ़ा देगा। हिसार के पास यह बाईपास बनाने के लिए दिल्ली में डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) पर कार्य शुरू हो गया है।
देश के गुजरात राज्य के कच्छ जिले में स्थित कांडला बंदरगाह (दीनदयाल बंदरगाह) से लेकर जयपुर और अजमेर से हिसार होकर दिल्ली और चंडीगढ़ की ओर से जाने वाले भारी वाहनों को अब शहर में एंट्री से राहत मिल पाएगी। शहर के अंदर से गुजरने वाले भारी वाहनों को नया बाईपास रूट मिलेगा, जिससे शहरी ट्रैफिक में राहत मिलेगी।
प्रदेश सरकार के प्रयासों से केंद्र सरकार भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) के माध्यम से हिसार जिले में 40.99 यानी करीब 41 किलोमीटर लंबा नया बाईपास बनाया जाएगा। यह नया बाईपास हिसार-राजगढ़ रोड (एनएच-52) से शुरू होकर हिसार-दिल्ली रोड (एनएच-9) को पार करता हुआ हिसार-कैथल रोड (एनएच 52) तक जाएगा। इस बाइपास पर अनुमानित 1900 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस मार्ग को हिसार रिंग रोड का नाम दिया गया है।
रामायण टोल से 25 लाख भारी वाहनों की होती है आवाजाही
रामायण टोल से औसतन प्रतिदिन सात हजार भारी वाहनों की आवाजाही होती है। इसको आधार माने तो साल भर के 365 दिनों में अनुमानित 25 लाख भारी वाहन हिसार से दिल्ली और सिरसा व चंडीगढ़ की तरफ गुजरते है। रामायण टोल तक पहुंचने के लिए इनमें से अधिकांश भारी वाहनों को शहर की सीमा में अंदरूनी हिस्से से होकर गुजरना पड़ता है।
इस बाइपास से आने वाले वाहनों को सीधे ही बाइपास की मदद से दिल्ली व चंड़ीगढ़ जाने का अवसर मिलेगा। यह होगा बाईपास का रूट चंड़ीगढ़ से आते समय तलवंड़ी मोड़ से गांव ढंदूर की तरफ से होते हुए मुकलान की ओर करीब 26 किलोमीटर तक का बाइपास बना हुआ है। नया प्रस्तावित बाइपास इससे आगे मुकलान से होते हुए कैमरी, मिरका, लाड़वा, भगाना, मय्यड, खरड, न्याणा और धान्सू से होते हुए वहीं तलवंड़ी बाईपास से जुड़ेगा। जो नया बाईपास का मुकलान से तलवंडी बाईपास तक मार्ग बनेगा वह करीब 40.99 किलोमीटर यानी 41 किलोमीटर लंबा होगा। इस प्रोजेक्ट पर अनुमानित करीब एक हजार करोड़ रुपये भूमि अधिग्रहण पर ही खर्च होंगे।
इन क्षेत्रों से आते हैं अधिकांश भारी वाहन
प्रदेश में हिसार भी औद्योगिक दृष्टि से काफी विकसित है। हिसार में कांडला बंदरगाह (दीनदयाल बंदरगाह), अजमेर और जयपुर सहित कई क्षेत्रों से भारी बड़े वाहन हिसार आते है।
प्रतिदिन औसतन 15 हजार घरेलू वाहनों की आवाजाही
बात घरेलू वाहनों की करे तो रामायण टोल से अनुमानित औसतन 15 हजार वाहन प्रतिदिन गुजरते है। करीब साल भर में अनुमानित करीब 50 लाख शहर में आते और यहां से जाते है। ऐसे में इसमें से भी कई घरेलू वाहन इस बाइपास के माध्यम से शहर के बाहरी क्षेत्र से बाईपास के माध्यम से ही दिल्ली व चंडीगढ़ तक जाएंगे। वाहन
जिनमें अधिकांश दिल्ली तक जाते है। नया बाईपास उन्हें शहर की तंग सड़कों और भीड़-भाड़ से राहत दिलाते हुए अधिक तेज, सुरक्षित और सुगम यात्रा प्रदान करेगा।
हिसार में बाईपास बनने का यह होगा सीधा लाभ
मुकलान से मय्यड़ होते हुए एनएच तक आने में शहरी क्षेत्र से होकर वाहन को गुजरने में अनुमानित करीब 23 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। वहीं यह बाईपास बनने के बाद यह दूरी 20 किलोमीटर में बदल जाएगी। यानी तीन किलोमीटर दूरी कम होगी। साथ ही शहर के जाम से भी मुक्ति मिलेगी।

