22 सितंबर से लागू होगा नया GST 2.0, ग्रामीण-शहरी उपभोक्ताओं को बड़ी राहत
RNE Network.
भारतीय उद्योग महासंघ (FICCI) के एक अध्ययन के अनुसार, 22 सितंबर से लागू होने वाले नए जीएसटी (GST 2.0) में ग्रामीण भारत की 75% से ज़्यादा मासिक खर्च की चीज़ें या तो जीएसटी से मुक्त होंगी (0%) या सिर्फ 5% टैक्स लगेगा।
शहरी भारत में भी यह अनुपात लगभग 66% होगा।
यह अध्ययन थॉट आर्बिट्राज रिसर्च इंस्टीट्यूट (TARI) ने FICCI की CASCADE कमेटी के लिए किया है। इसमें बताया गया है कि मौजूदा जीएसटी दरों की तुलना में यह बदलाव एक बड़ा सुधार है।
वर्तमान v/s नया बदलाव:
• अभी ग्रामीण परिवारों के 56% खर्च पर या तो शून्य जीएसटी है या 5% जीएसटी लगता है।
• शहरी परिवारों में यह हिस्सा अभी 50% है।
अध्ययन ने सरकार के प्रति व्यक्ति मासिक खर्च के आँकड़ों को वस्तु-वार जीएसटी दरों से मिलाकर तुलना की है।
GST दरों का वितरण:
1. शून्य (0%) स्लैब
• अभी: 29.1% वस्तुएँ इसमें आती हैं।
• ग्रामीण खर्च में हिस्सा: 36%
• शहरी खर्च में हिस्सा: 32.3%
• नया (22 सितंबर से): 29.9% वस्तुएँ
• ग्रामीण खर्च: 36.5%
• शहरी खर्च: 32.9%
2. 5% स्लैब
• अभी: 14.7% वस्तुएँ
• ग्रामीण खर्च: 20.3%
• शहरी खर्च: 18.2%
• नया: 40.5% वस्तुएँ
• ग्रामीण खर्च: 38.8%
• शहरी खर्च: 33.3%
3. 12% स्लैब
• अभी: 21.5% वस्तुएँ
• ग्रामीण खर्च: 14.4%
• शहरी खर्च: 10.8%
• नया: यह स्लैब पूरी तरह समाप्त कर दिया जाएगा।
4. 18% स्लैब
• अभी: 26.6% वस्तुएँ
• ग्रामीण खर्च: 15.4%
• शहरी खर्च: 16.9%
• नया: 23.1% वस्तुएँ
• ग्रामीण खर्च: 12.3%
• शहरी खर्च: 14.1%
5. 28% और उससे अधिक (अब नया 40% स्लैब भी)
• अभी: 2.2% वस्तुएँ
• ग्रामीण खर्च: 1.7%
• शहरी खर्च: 2.3%
• नया: सिर्फ 0.5% वस्तुएँ
• ग्रामीण खर्च: 0.2%
• शहरी खर्च: 0.2%
इसका मतलब है कि 22 सितंबर से ग्रामीण और शहरी दोनों उपभोक्ताओं का बड़ा हिस्सा बहुत कम टैक्स (0% या 5%) वाली वस्तुओं पर खर्च करेगा।
इससे लोगों की जेब पर भार कम होगा और रोज़मर्रा की चीज़ें सस्ती होंगी।