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अब ओला, उबर और अन्य टैक्सी में नहीं लगा सकेंगे चाइल्ड लाक, लगाया तो होगी कार्रवाई 

जिलाधिकारी ने आदेश किए जारी 
 

महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध को देखते हुए सरकार द्वारा अहम कदम उठाया है। अक्सर टैक्सी में महिलाओं के साथ अप्रिय घटना होने की मामले सामने आ रहे है। इसको देखते हुए उत्तर प्रदेश महिला आयोग  ने कदम उठाया है और ओला, उबर व अन्य सर्विस टैक्सी से चाइल्ड लाक हटाने का सुझाव दिया है। इसके पीछे उद्देश्य यह है कि कई बार टैक्सी चालक कोई गलत हरकत करते हैं तो चाइल्ड लाक होने के कारण वाहन का शीशा नीचे हो पाता है, न ही दरवाजा अंदर से खुल सकता है। ऐसे में पीड़ित की चीख भी वाहन से बाहर नहीं आ पाती। इस पर राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बबीता चौहान ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों के लिए इस आशय का पत्र जारी किया है। चाइल्ड लाक हटाने के साथ टैक्सी पर चालक के नाम-आइडी अंकित कराने को भी कहा है। 

30 मई को वाराणसी में टैक्सी चालक द्वारा 14 वर्षीय बालिका का अपहरण कर दुष्कर्म किए जाने की घटना हुई थी। प्रदेश के अन्य जिलों में भी ऐसी घटनाएं प्रकाश में आईं। धार्मिक पर्यटन के लिहाज से महत्वपूर्ण मथुरा में भी लिफाफा गैंग कई वर्षों से लूट की घटनाओं को अंजाम देता रहा है। उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग ने टैक्सी वाहनों में महिलाओं और बालिकाओं के साथ होने वाली घटनाओं का संज्ञान लिया है। अध्यक्ष डा़ बबीता सिंह चौहान ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों को पत्र जारी किया है कि अब प्रदेश में आवागमन के विभिन्न सार्वजनिक साधन जैसे ओला कैब, उबर कैब आदि में चाइल्ड लाक की सुविधा हटाए जाएं। साथ ही, उक्त टैक्सी वाहनों पर चालक का नाम, मोबाइल नंबर व पहचान का विवरण अंकित कराया जाए।

जिलाधिकारी ने आदेश किए जारी 

राज्य महिला आयोग की संस्तुतियों के अनुपालन के लिए मथुरा के जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह ने शुक्रवार को सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, बेसिक शिक्षा अधिकारी और पुलिस बल के प्रभारी एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट को आदेश जारी किए हैं। यह अधिकारी टैक्सी वाहनों से चाइल्ड लाक हटवाने की कार्रवाई कराएंगे और महिलाओं व बच्चों के प्रति होने वाले अपराधों की रोकथाम में अपनी भूमिका निभाएंगे।