Parliament Private Bill : कर्मचारियों को मिलेगी बड़ी राहत! लोकसभा में 'काम के बाद आराम का अधिकार' निजी विधेयक पेश
लोकसभा में शीतलकालीन सत्र में निजी विधेयक पेश करके देश के कर्मचारियों को बड़ी राहत के संकेत मिले है। पेश किए गए निजी विधेयक के अनुसार अब कर्मचारी ड्यूटी समय के बाद अपने निजी काम कर सकेंगे। इसके बाद उनका बोस फोन करके व ईमेल का जवाब देने के लिए बाध्य नहीं कर सकेगा। जहां पर ड्यूटी टाइम के बाद आराम से परिवार के साथ समय बीता पाएगा।
काफी कर्मचारियों को ड्यूटी टाइम के बाद ऑफिस से फोन आ जाता था। इसके कारण उनके पारिवारिक कार्य भी प्रभावित हो जाते थे और कर्मचारियों में इसके कारण तनाव रहता था। लोकसभा में शुक्रवार को एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले एक निजी विधेयक 'काम के बाद आराम का अधिकार' पेश किया। यह कर्मचारियों को काम के तय समय के बाद ऑफिस कॉल व ईमेल के जवाब न देने का अधिकार देता है।
सुले की ओर से पेश किए विधेयक पर अब देशभर में चर्चा शुरू हो गई है। विधेयक के अनुसार, कर्मचारी ऑफिस समय खत्म होने के बाद किसी भी तरह के कार्यालय के कॉल, मैसेज या ईमेल का जवाब देने के लिए बाध्य नहीं होगा। यह नियम छुट्टियों के दौरान भी लागू होगा। इसके साथ ही एम्प्लॉयी वेलफेयर अथॉरिटी के गठन का प्रस्ताव दिया है, जो इस अधिकार को लागू करने के लिए ठोस नियम और दिशा-निर्देश तय करेगी। सुले के मुताबिक यह विधेयक केवल एक कानूनी पहल नहीं, बल्कि काम और जिंदगी के बीच संतुलन को फिर से परिभाषित करने की कोशिश है।
यहां लागू हैं नियम
1. फ्रांस: ऑफिस टाइम के बाद कर्मचारी ईमेल व कॉल का जवाब देने को बाध्य नहीं।
2. स्पेनः ऑफिस टाइम के बाद कम्युनिकेशन से राहत।
3. बेल्जियमः यह अधिकार पहले सरकारी कर्मियों को था अब निजी कंपनियों में भी लागू।
4. पुर्तगालः राइट टू रेस्ट लागू। काम के बाद कर्मियों से संपर्क करना प्रतिबंधित है।

