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Success Story : गर्दन में फ्रैक्चर के बाद कुश्ती से शूटिंग में आईं सुरुचि फौगाट, अब बनाया वर्ल्ड रिकार्ड 

झज्जर की सुरुचि ने विश्व कप फाइनल में गोल्ड जीता
 

झज्जर के सासरोली की सुरुचि फौगाट ने शूटिंग में वर्ल्ड रिकार्ड बनाया है। सरुचि फौगाट पहले पहलवानी करती थी, लेकिन एक चोट ने खेल की दुनिया को ही बदल दिया। जहां पर सुरुचि ने कुश्ती को छोड़कर शूटिंग में अभ्यास करना शुरू कर दिया और अब वर्ल्ड रिकार्ड बनाकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। सुरुचि फौगाट ने आईएसएसएफ शूटिंग वर्ल्ड कप फाइनल में 10 मीटर एयर पिस्टल में गोल्ड मेडल जीता है।

19 वर्षीय सुरुचि ने 245.1 अंक बनाए, जो जूनियर विश्व कप में वर्ल्ड रिकॉर्ड है। इससे पहले 2019 में मनु भाकर ने 244.7 अंकों का रिकॉर्ड बनाया था। चंडीगढ़ की संयम दूसरे व ओलिंपिक मेडलिस्ट मनु भाकर 5वें स्थान पर रहीं। लड़कों के वर्ग में 10 मीटर एयर पिस्टल में करनाल के सम्राट राणा ने कांस्य पदक जीता। पदक जीतने के बाद सुरुचि फौगाट ने कहा कि मैंने ठाना था कि मन शांत रखूंगी तो निशाना सही जाएगा। यह आत्मविश्वास की जीत है। कोई दबाव न रहे, इसलिए स्कोर पर भी ध्यान नहीं दिया। 

14वें राउंड तक दूसरे स्थान पर थीं

मन शांत रहेगा तो निशाना सही जाएगा, इसलिए स्कोर पर ध्यान नहीं दिया। अंतिम शॉट को लेकर मैं संयमित थी। उन पलों को याद किया, जब मैंने अंतिम शॉट को ही बेस्ट शॉट में बदला था। फाइनल में हमवतन संयम थीं, यानी गोल्ड देश में ही आना था, इसलिए आत्मविश्वास से भरी थी। उन्होंने अपनी जीत का श्रेय अपने पिता को दिया है। उनका कहना है कि कंपीटिशन खुद को बेहतर बनाने के लिए करती हूं। लक्ष्य पर नहीं, अगले कदम पर फोकस करती हूं। ये सिलसिला और ऊंचाई पर ले जाना है।

गर्दन में फ्रैक्चर के बाद कुश्ती से शूटिंग में आईं

सुरुचि ने 2018 में 12 वर्ष की उम्र में कुश्ती शुरू की। 2019 में गर्दन में फ्रैक्चर के बाद शूटिंग में आई। आर्मी से रिटायर्ड पिता इंद्र सिंह ने बताया कि जब सुरुचि का जन्म हुआ, तब डेप्थ ओलिंपिक में गांव के वीरेंद्र उर्फ गूंगा पहलवान गोल्ड मेडल जीतकर लौटे थे। तब बेटी को अच्छी पहलवान बनाने की ठानी थी, लेकिन चोट के कारण कुश्ती छोड़नी पड़ी।

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