थाईलैंड-कंबोडिया सीमा पर संघर्ष: प्राचीन शिव मंदिर बना विवाद की जड़, 30 से अधिक मौतें
RNE Network.
थाईलैंड-कंबोडिया की विवाद की चिंगारी देखते ही देखते ज्वलंत आग में बदल गई है। झड़प बीती 24 जुलाई को और हिंसक हो गई। दोनों देशों के बीच हुई सैन्य झड़प में अब 30 ज्यादा लोग अपनी जान गवां चुके है। इस मामले में संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी दखल देते हुए दोनों देशों से शांति की अपील की है।
प्राचीन 'शिव मंदिर' है तनाव की असल वजह :
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच झड़प की मुख्य वजह कंबोडिया में और थाईलैंड में बना प्राचीन शिव मंदिर है जिसे प्रेम विहेयर मंदिर के नाम से जाना जाता है। यह एक दुर्गम पठार पर 11 वीं सदी में शिल्प कला का उत्कृष्ट नमूना होने के साथ ही वहां के लोगों का आस्था का प्रमुख केंद्र भी है। मंदिर पर साल 1962 में अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ने भी फैसला सुनाया था इसी बीच थाईलैंड ने मंदिर के एक हिस्से पर अपना कब्जा कर लिया था। कोर्ट ने अपने आदेश में थाईलैंड के मंदिर अधिकार का दावा खारिज करने के साथ ही उसे साल 1954 से वहां तैनात सेना को हटाने का आदेश दिया था।
23 जुलाई को हुआ बारूदी विस्फ़ोट, विवाद गहराया :
आग में घी का काम 23 जुलाई को बारूदी सुरंगी विस्फोट ने किया। जानकारी के अनुसार इस विस्फोट में पांच थाई सैनिकों की मौत हुई जिससे विवाद और गहरा गया। जवाबी हमले में 50 कंबोडिया सैनिक और 20 नागरिकों के घायल होने की खबर है वहीं लगभग 60 थाई सैनिकों और नागरिकों की घायल होने का दावा किया जा रहा है।
इन देशों ने की शांति की अपील :
विवाद को सुलझाने के लिए और शांति स्थापित करने के लिए चीन, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, यूरोपीय संघ और फ्रांस ने मामले पर गहरी चिंता व्यक्त की है।