अरुणाचल प्रदेश की 54 फीट पंचधातु निर्मित प्रतिमा को मिला ‘Statue of Strength’ का गौरवपूर्ण नाम
RNE, Network.
लोहित, अरूणाचल प्रदेश। सनातन मान्यता के अनुसार ईशान कोण देवस्थान है, जहाँ देव प्रतिष्ठा से सुख, समृद्धि, शक्ति, सुयश और सुमंगल सुनिश्चित होता है। सौभाग्य से भारत के ईशान कोण अरुणाचल प्रदेश के भी ईशान में स्थित है आदि-तीर्थ परशुराम कुंड।
वर्ष 2022 में केन्द्र एवं राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से परशुराम कुंड तीर्थोन्नयन योजना प्रारम्भ हुई, जिसमें विप्र फाउंडेशन को विश्व की सर्वाधिक ऊँची 54 फीट पंचधातु निर्मित भगवान परशुराम मूर्ति स्थापित करने का सौभाग्य मिला। भारत के यशस्वी गृह मंत्री श्री अमित शाह जी के कर-कमलों से भूमि पूजन के बाद, विख्यात मूर्तिकार श्री नरेश कुमावत द्वारा निर्माण कार्य आरम्भ हुआ, जो अब अंतिम चरण में है।
आज मूर्ति स्थल पर आयोजित एक गरिमामयी समारोह में, अरुणाचल प्रदेश के माननीय उप-मुख्यमंत्री श्री चाउना मीन जी ने इस प्रतिमा के नाम की घोषणा की। मंगल ध्वनियों के बीच उद्घोष हुआ “Statue of Strength” अर्थात “शक्तिपुंज परशुराम”। उप-मुख्यमंत्री जी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा परशुराम कुंड तीर्थोन्नयन प्रदेश के विकास को नयी ऊँचाई प्रदान करेगा।
इस अवसर पर पूज्य महंत श्री हरिशरण दास जी महाराज परशुराम बाबा, विप्र फाउंडेशन के संस्थापक श्री सुशील ओझा, मूर्ति प्रकल्प के संयोजक श्री परमेश्वर शर्मा, राष्ट्रीय सह-कोषाध्यक्ष श्री रमेश शास्त्री, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य श्री संजय त्रिवेदी सहित अनेक गणमान्यजन एवं श्रद्धालु उपस्थित थे।
यह ऐतिहासिक घोषणा भारतीय संस्कृति और विप्र गौरव के इतिहास में सदैव स्मरणीय रहेगी।