The China Challenge : सप्तशक्ति कमान ने चाइना के बढ़ते प्रभाव और भारत पर इसके असर पर चिंतन किया
 Oct 31, 2025, 19:50 IST
                                                    
                                                
                                            RNE JAIPUR.
सप्त शक्ति कमान के अधीन में ज्ञान शक्ति थिंक टैंक (GSTT) ने जयपुर मिलिट्री स्टेशन में “द चाइना चैलेंज” विषय पर एक महत्त्वपूर्ण एवं अंतर्दृष्टिपूर्ण सेमिनार का आयोजन किया।

कार्यक्रम में सप्त शक्ति कमान के आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल मनजिंदर सिंह मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इस सेमिनार में लेफ्टिनेंट जनरल एस.एल. नारसिम्हन (सेवानिवृत्त), राजदूत गौतम बंबावाले, राजदूत सतीश मेहता व जिंदल यूनिवर्सिटी की अंतरराष्ट्रीय संबंध विशेषज्ञ प्रोफेसर सुश्री एलिज़ाबेथ रोच सहित प्रतिष्ठित वक्ताओं ने भाग लिया और विषय के विभिन्न आयामों पर विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण पर अपने महत्त्वपूर्ण विचार प्रस्तुत किए।
 सेमिनार में चीन की तीव्र आर्थिक प्रगति, बढ़ती सैन्य क्षमता, विकसित होती तकनीकी श्रेष्ठता तथा नागरिक एवं रक्षा क्षेत्रों में उसकी बढ़ती मैन्युफैक्चरिंग कैपेबिलिटी के परिप्रेक्ष्य में भारत–चीन संबंधों की गहन समीक्षा की गई। यह उल्लेख किया गया कि इन कारकों के कारण शक्ति संतुलन को चीन अपनी तरफ झुकना चाहता है। पैनल ने भारत के पड़ोस तथा विस्तृत भू-राजनीतिक क्षेत्र में चीन की बढ़ती उपस्थिति, महत्वपूर्ण खनिजों के लिए भारत की निर्भरता तथा वर्तमान वैश्विक अनिश्चितताओं पर प्रकाश डाला। वक्ताओं ने अपने विश्लेषण को समर्थन देने के लिए ठोस तथ्य एवं आंकड़े प्रस्तुत किए और चीन के विस्तारशील प्रभाव का सामना करने हेतु संभावित रणनीतियों का सुझाव दिया।
  
  सप्त शक्ति कमान द्वारा नवम्बर 2024 में स्थापित ज्ञान शक्ति थिंक टैंक एक उत्कृष्ट पहल है, जिसका उद्देश्य ज्ञान, विशेषज्ञता एवं अत्याधुनिक तकनीकी प्रगति का समन्वय सुनिश्चित करना है। इसके सदस्यों में अनुभवी वेटरन्स, उद्योग जगत के वरिष्ठ नेतृत्व, अकादमिक विशेषज्ञ तथा देश के प्रमुख तकनीकी संस्थानों के प्रतिनिधि सम्मिलित हैं।
 
 स्थापना से ले कर अब तक GSTT द्वारा अनेक महत्त्वपूर्ण सेमिनार, प्रदर्शनी एवं संगोष्ठियों का आयोजन किया गया है, जिनमें “डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग में आत्मनिर्भरता: राजस्थान में अवसर”, “इंडिया’ज़ जर्नी: चार्टिंग द पाथ टू विकसित भारत”, “राष्ट्र निर्माण में वेटरन्स का योगदान”, भारत के पड़ोस में बदलते भू-रणनीतिक परिदृश्य तथा समकालीन आर्थिक एवं औद्योगिक विषयों पर आधारित सत्र शामिल हैं। इस थिंक टैंक ने सैन्य–नागरिक समन्वय को सुदृढ़ करने, नवाचार को प्रोत्साहित करने, तकनीकी आत्मसात एवं रक्षा विनिर्माण को बढ़ावा देने तथा‘विक्सित भारत’के राष्ट्रीय लक्ष्य के समर्थन में उल्लेखनीय भूमिका निभाई है।
 
 अंत में आर्मी कमांडर ने क्षेत्र में हो रहे भू-राजनीतिक एवं आर्थिक परिवर्तनों से अप-टू-डेट रहने की आवश्यकता पर बल दिया, विशेषकर उन बिंदुओं पर जिन पर सेमिनार में विस्तृत चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि पूर्व में चीन, पाकिस्तान, कुवैत, नेपाल एवं भूटान में भारत के राजदूत रहे वरिष्ठ अधिकारियों, चीन में भारत के पूर्व डिफेंस प्रतिनिधि तथा प्रतिष्ठित शिक्षा विशेषज्ञों जैसे विशिष्ट पैनल के साथ संवाद से संगठन के युवा नेताओं की अंतरराष्ट्रीय विषयों पर समझ और अधिक समृद्ध होगी। उन्होंने सभी वक्ताओं का उनके समय एवं मूल्यवान विचारों के लिए आभार व्यक्त किया।
  
       यह सेमिनार राष्ट्रीय विकास, सुरक्षा एवं क्षमता निर्माण को सुदृढ़ करने की दिशा में एक और महत्त्वपूर्ण उपलब्धि है तथा भारत को वैश्विक मंच पर उसके समुचित स्थान तक पहुँचाने की और गति प्रदान करता है।

 
                                                