जाति, धर्म व अपमानजनक नाम से पुकारना भी रैगिंग में शामिल, यूजीसी ने दिए Anti-Ragging कमेटी बनाने के निर्देश

नई गाइडलाइन
अब जाति, धर्म व अपमानजनक नाम से पुकारना भी रैगिंग में शामिल
RNE, NETWORK .
कॉलेज, यूनिवर्सिटी में किसी विद्यार्थी को जाति, धर्म और अपमानजनक नामों से पुकारना अब महंगा पड़ेगा। यूजीसी ने सत्र 2025 - 26 से रैगिंग की नई गाइडलाइन जारी की है।
यूजीसी ने साफ कहा है कि अब रैगिंग सिर्फ शारीरिक या मानसिक उत्पीड़न तक सीमित नहीं होगी। जाति, धर्म, भाषा, क्षेत्र, रंग, जेंडर जन्म स्थान अथवा आर्थिक पृष्ठभूमि पर की गई टिप्पणी भी रैगिंग की श्रेणी में शामिल होगी। यूजीसी ने सभी कॉलेज, यूनिवर्सिटि को एंटी - रैगिंग कमेटी का गठन करने का निर्देश दिया है।
यह कमेटी कैम्पस में कैंटीन, हॉस्टल, शौचालय, बस स्टॉप और अन्य डार्क जोन का आकस्मिक निरीक्षण करेगी। इसके अलावा उन स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। जहां अमूमन निगरानी नही होती है।
शपथ पत्र देना होगा
प्रवेश प्रक्रिया के दौरान विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों से शपथ पत्र लिया जाएगा। इसमें विद्यार्थियों को लिखित रूप में यह वचन देना होगा कि वह किसी प्रकार की रैगिंग में शामिल नहीं होंगे। यह शपथ पत्र एक कानूनी दस्तावेज होगा।
वेवसाइट पर सूचना देनी होगी
सभी संस्थानो को एंटी रैगिंग कमेटी के सदस्यों के नाम, मोबाइल नम्बर, ई - मेल और लैंडलाइन की जानकारी देनी होगी। इसके अलावा नई गाइडलाइन भी डालनी होगी। यूजीसी विद्यार्थियों, परिजन और शिक्षकों को जागरूक करने के लिए शॉर्ट वीडियो भी अपलोड करेगा। इसमें एंटी रैगिंग से जुड़े संदेश, शॉर्ट फिल्म होगी। पूर्व में सिर्फ पोस्टर और वर्कशॉप के जरिये ही रैगिंग के प्रति जागरूक किया जाता था।