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High Court Decision : महिलाओं को तीसरे बच्चे के जन्म पर भी मिलेगा मातृत्व अवकाश, हाईकोर्ट ने दिया फैसला 

 

महिला को तीसरे बच्चे के जन्म पर भी मातृत्व अवकाश दिया जाएगा। यह फैसला हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने दिया है। हाईकोर्ट  ने मातृत्व अवकाश से जुड़े मामले में महत्वपूर्ण व्यवस्था देते हुए कहा है कि नियुक्ति पाने के बाद तीसरे बच्चे की मां बनने वाली महिला कर्मचारी भी मातृत्व अवकाश पाने की हकदार है।

प्रार्थी के नौकरी पाने से पहले दो बच्चे पैदा हुए थे और तीसरे बच्चे का जन्म नौकरी पाने के बाद हुआ। न्यायाधीश संदीप शर्मा ने मातृत्व अवकाश को लेकर स्टाफ नर्स अर्चना शर्मा द्वारा दायर याचिका को स्वीकार करते हुए सरकार को आदेश दिया कि वह तुरंत प्रभाव से प्रार्थी को मातृत्व अवकाश प्रदान करे।

प्रार्थी सिविल अस्पताल पांवटा साहिब में स्टाफ नर्स है। पांच मार्च 2025 को उसने एक बच्चे को जन्म दिया और वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी सिविल अस्पताल को छह मार्च से मातृत्व अवकाश के लिए आवेदन किया। याचिकाकर्ता की शिकायत थी कि आवेदन पर कोई निर्णय नहीं लिया गया, जिस कारण उसे याचिका दायर करनी पड़ी।

पहली याचिका में हाई कोर्ट ने सक्षम प्राधिकारी को निर्देश दिया कि वह याचिकाकर्ता के आवेदन पर एक सप्ताह के भीतर विचार करें और निर्णय लें। इसके बावजूद सक्षम अधिकारी ने कोई निर्णय नहीं लिया तो प्रार्थी ने एक और याचिका दायर की। इस याचिका के लंबित रहते सरकार की ओर से कहा गया कि प्रार्थी मातृत्व अवकाश पाने का अधिकार नहीं रखती क्योंकि यह दंपती का तीसरा बच्चा है और नियमों के तहत मातृत्व अवकाश केवल दो बच्चों तक के लिए ही है। इस कारण प्रार्थी के आवेदन को खारिज कर दिया गया।

कोर्ट ने कहा कि दूसरे या तीसरे बच्चे के जन्म पर मातृत्व खत्म नहीं हो जाता। इन परिस्थितियों में एक महिला के साथ भेदभाव नहीं किया जा सकता। केवल इस आधार पर कि महिला ने तीसरे बच्चे को जन्म दिया है, एक नवजात बच्चे को दूसरों की दया पर नहीं छोड़ा जा सकता।