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Devisingh Bhati धरना देंगे : बोले-वोट लेने वाले संकट के समय जनता के लिए नहीं बोल रहे, इसलिये मुझे बोलना पड़ रहा

  • इशारों में सरकार पर निशाना, कहा-नहरबंदी नाटक है, राजस्थान की बात रखने वाला ही कोई नहीं
  • पेयजल संकट को लेकर प्रशासन पर लगाये गंभीर आरोप

RNE Bikaner.

पूर्व मंत्री एवं कद्दावर नेता देवीसिंह भाटी एक बार फिर आंदोलन के तेवर में हैं और 08 मई से बीकानेर कलेक्ट्रेट पर अनिश्चितकालीन धरना देने का ऐलान कर दिया है। भाटी ने जिले में पानी के संकट के लिए प्रशासन की नीतियों को दोषी ठहराते हुए पानी टैंकर के ठेकों से लेकर कई तरह की अनियमितताओं के आरोप लगाए हैं। भाटी भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं और पहले भी अपनी ही पार्टी की सरकार के दौरान आंदोलन कर चुके हैं या आंदोलन की चेतावनी दे चुके हैं। ऐसे में एक बार फिर भाटी की यह चेतावनी भाजपा और सरकार में खलबली मचा रही है।

जानिये क्या है भाटी का मुद्दा :

देवीसिंह भाटी ने पेयजल प्रबंधन पर प्रशासनिक विफलताओं के आरोप जड़े। इसके सथ ही कहा, टैंकर से पानी सप्लाई के 50-50 लाख रुपए के टैंडर हुए हैं। पानी कहां पहुंच रहा है पता नहीं। इसके लिए न तो अधिकारियों के नंबर दिए गए हैं न टैंकर सप्लायर के बारे में कोई जानकारी सार्वजनिक की गई है।

इसलिये मुझे बोलना पड़ रहा :

अपनी ही पार्टी की सरकार होने के बावजूद विरोध के लिए सड़क पर उतरने के सवाल पर भाटी बोले, वोट लेने के लिए आने वाले संकट के समय में जनता की बात करने नहीं आ रहे। इसलिए मुझे बोलना पड़ रहा है। नहरबंदी होने और पानी उपलब्ध नहीं होने के सवाल पर कहा, नहरबंदी नाटक है। राजस्थान की बात रखने वाला ही कोई नहीं है। बीबीएमबी में हमारा प्रतिनिधित्व ही नहीं।

वसुंधरा ने भी उठाय था यही मुद्दा, गरमा रही राजनीति :

भीषण गर्मी के साथ ही राजस्थान में पानी का संकट जितना है उससे भी ज्यादा राजनीतिक गरमाहट बढ़ रही है।

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने किया था “X” पर पोस्ट

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी झालरापाटन में पानी के मुद्दे पर अधिकारियों को आडे हाथों लिया था। कहा ‘अफसर सो रहे हैं, लोग रो रहे हैं। मैं ऐसा नहीं होने दूंगी। प्रधानमंत्री ने 42 हजार करोड़ जल जीवन मिशन में दिया है। पाई-पाई का हिसाब दो।’

अलवर में उखड़ गये भूपेन्द्र यादव :

एक दिन पहले ही केन्द्रीय मंत्री एवं अलवर के सांसद भूपेन्द्र यादव अपने संसदीय क्षेत्र के एक कार्यक्रम में पहुंचे। वहां महिलाओं ने पानी की मांग पर जोर-जोर से बोलना शुरू कर दिया।

यादव इस कदर नाराज हुए कि हाथ जोड़ मीटिंग छोड़कर चले गये। मंत्री कन्हैयालाल के सामने भी पानी की मांग कर रहे लोगों से धक्कामुक्की हुई। ऐसे में जहां विपक्ष पानी के मुद्दे पर हमलावर है वहीं भाजपा के अपने नेता-प्रतिनिधि भी खुलकर सामने आ रहे हैं। इसे भाजपा की अंदरूनी सियासत से जोड़कर भी देखा जा रहा है।