Bikaner : जब हम पूजन कर रहे थे तब ये पटाखों से जलने वालों की सेवा में जुटे थे
RNE Bikaner.
दीवाली की रात जहां आतिशबाजी का जोर रहा वहीं कई बच्चे और बड़े पटाखों की चपेट में आकर चोटिल हो गये या झुलस गये। इनमें से लगभग 90 ऐसे हैं जिनको गहरी चोट लगने की वजह से हॉस्पिटल ले जाना पड़ा।
पीबीएम हॉस्पिटल के ट्रोमा सेंटर में इनका इलाज हुआ। इनमें एक ऐसी बच्ची भी शामिल है जो दीपक से झुलस गई और 70 प्रतिशत जली हुई हालत में उसे पीबीएम हॉस्पिटल लाया गया है। यहां भर्ती कर इलाज किया जा रहा है।
दीपवाली की रात 76 झुलसे, अब तक 90:
दरअसल बीते दो दिनों से पीबीएम हॉस्पिटल में पटाखों और दीपक से झुलसने वालों का तांता लगा हुआ है।
बीते 24 घंटों में जहां 76 लोगों को झुलसने के कारण पीबीएम ट्रोमा सेंटर लाया गया वहीं दो दिन में अब तक ऐसे चोटिलों का आंकड़ा 90 तक पहुंच गया है।
इनमें सिद्धी नाम की बच्ची भी शामिल है। इसे नोखा से लाया गया है। बताया जाता है कि सिद्धी के कपड़ों में दीपक से आग लग गई और वह झुलस गई।
डॉक्टर्स के साथ मारवाड़ समिति के कार्यकर्ता भी जुटे:
दीपावली के मौके पर आतिशबाजी से हेाने वाली दुर्घटनाओं की आशंका में ट्रोमा सेंटर के प्रभारी डा.बी.एल.खजोटिया ने क्विक रिस्पांस टीम बनाई थी। यह टीम राउंड द क्लॉक तैनात रही।
इसके साथ ही मरीजों की बढ़ती तादाद का अनुमान लगाते हुए मारवाड़ जनसेवा समिति के कार्यकर्ताओं ने भी इस बार भी ट्रोमा सेंटर में सेवाएं दी। समिति के रमेश व्यास ने बताया कि तीन दिन लगातार कार्यकर्ता वहां मौजूद रहे और मरीजों व डॉक्टर्स की मदद की। यहां तक कि कुछ लोगों को मरहम पट्टी करने में भी कार्यकर्ताओं ने सहयोग दिया।