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आरोप: गर्भवती महिला तड़पती रही, डॉक्टर ड्यूटी पर नहीं था, जच्चा-बच्चा की मौत

  • हनुमान बेनीवाल से मिले परिजन

आरएनई, नागौर।

हॉस्पिटलों की बदहाली और डॉक्टर्स की अनदेखी ने राजस्थान में एक और गर्भवती महिला व उसके पेट में पल रहे बच्चे की जान ले ली। गुस्साये परिजनों ने हॉस्पिटल में हंगामा किया तब प्रशासन हरकत में आया। एक डॉक्टर को सस्पेंड किया और दूसरे को एपीओ। इसके बाद ही परिजन शव लेने को तैयार हुए।

आक्रोशित परिजनों ने विधायक एवं रालोपा सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल से मिलकर भी अपनी पीड़ा बताई। बेनीवाल ने इस संबंध में उच्चाधिकारियों से बात की। इस बात पर अफसोस जताया कि बार-बार कहने पर भी ड्यूटी डॉक्टर तक को हॉस्पिटल में नहीं बुलाया गया जिससे गर्भवती और उसके पेट में पल रहे बच्चे की मौत हो गई।

मामला यह है :

सरिता रेगर को प्रसव पीड़ा होने पर JLN हॉस्पिटल लाया गया जहां लेबर वार्ड में भर्ती किया। रात को अस्पताल स्टाफ ने प्रसूता को इंजेक्शन दिया, उसके कुछ ही देर में सरिता की तबीयत अचानक बिगड़ गई और मौत हो गई। उसके पेट में पल रहे बच्चे की भी जान चली गई।

डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप :

घटना के बाद गुस्साए घरवालों ने अस्पताल के डॉक्टरों व नर्सिंग स्टाफ पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया। परिवार वाले खींवसर विधायक हनुमान बेनीवाल से भी मिले और बेनीवाल को ज्ञापन सौंपा, जिसमें दोषी डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही गई।

एक डॉक्टर सस्पेंड, एक एपीओ :

चिकित्सा विभाग ने एक्शन लेते हुए जेएलएन अस्पताल के डॉ. शैलेंद्र लोमरोड़ को सस्पेंड कर दिया वहीं डॉ. अंकित को एपीओ किया गया है। मामले में कार्रवाई होने के बाद परिजन शव लेने को तैयार हुए। सीएमएचओ राकेश कुमावत का कहना है, मामले की पुरी जांच होगी।

मृतका के परिजनों की शिकायत

यह बोले विधायक हनुमान बेनीवाल :

सरिता रैगर का निधन हो जाने के मामले को लेकर नागौर पंचायत समिति से आरएलपी के प्रधान प्रतिनिधि श्रवण मेघवाल , दलित नेता शभजन सिंह सहित दलित समाज के जन -प्रतिनिधियों ने विधायक हनुमान बेनीवाल से मुलाकात कर ज्ञापन दिया और मामले में कार्यवाई की मांग की।

बेनीवाल ने कहा की उन्हे पीड़ित परिवार ने बताया की रात को ड्यूटी डॉक्टर्स थे नही और सरिता के इलाज में मौके पर मौजूद मेडिकल स्टाफ ने लापरवाही बरती और बार – बार कहने के बावजूद कोई डॉक्टर नही आया जो दुर्भाग्यपूर्ण है। बेनीवाल ने पूरे मामले को लेकर जिला कलक्टर नागौर से दूरभाष पर वार्ता भी की है। राज्य सरकार से निष्पक्ष जांच करवाके कार्यवाही की मांग की।