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DPC in Education : डीपीसी में पदोन्नत दिव्यांगों को मेडिकल बोर्ड के सामने पेश नहीं होना पड़ेगा!

RNE Bikaner.

राजस्थान के शिक्षा विभाग में डीपीसी से पदोन्नत दिव्यांग प्राध्यापकों के लिये राहत का आदेश दिया है। राहत यह है कि दिव्यांगों को अब पदोन्नति वाली सीट पर ज्वाइन करने से पहले मेडिकल बोर्ड के सामने नये सिरे से उपस्थित होकर सर्टिफिकेट नहीं लेना होगा।

जानिये क्या है मामला:

दरअसल शिक्षा निदेशालय ने 12 अप्रैल को ही प्राध्यापक स्कूल शिक्षा के विभिन्न विषयों की डीपीसी में पदोन्नति के बाद आनलाइन काउंसलिंग के जरिये पदस्थापन के आदेश दिये थे। इस आदेश में दिव्यांगों के लिए यह शर्त रखी गई थी कि उन्हें कार्यग्रहण करने से पहले मेडिकल बोर्ड के सामने प्रस्तुत होकर दिव्यांग होने का सर्टिफिकेट लेना पड़ेगा।

अब यह संशोधन:

निदेशक ने एक दिन बाद ही इस आदेश में संशोधन किया है। संशोधन यह किया है जो दिव्यांग पूरी तरह दृष्टिहीन हैं उन्हें नये सिरे से मेडिकल सर्टिफिकेट लेने के लिए बोर्ड के सामने जाने की जरूरत नहीं है। इसी तरह जिन्होंने पहले से ही दिव्यांग सर्टिफिकेट के आधार पर ज्वाइनिंग की है उन्हें भी नये सिरे से बोर्ड का सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं।

आदेश ही गलत था:

शिक्षक संगठनों का कहना है पूर्व में जारी आदेश में ही त्रुटि थी। तर्क है जो पहले से ही दिव्यांग प्रमाण-पत्र के आधार पर विभाग में सेवाएं दे रहे हैं। अब महज डीपीसी से पदोन्नति हुई है। नई नियुक्ति नहीं है। ऐसे में उन्हें फिर से प्रमाण-पत्र के लिये बोर्ड के सामने भेजना उचित नहीं।