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दुष्यंत लोकसभा क्षेत्र की सभी आठों विधानसभाओं में लीड लेने में रहे कामयाब

RNE, STATE BUREAU .

इस बार लोकसभा चुनाव में दो पूर्व मुख्यमंत्रियों वसुंधरा राजे व अशोक गहलोत की व्यक्तिगत प्रतिष्ठा भी दाव पर लगी हुई थी। राजे के पुत्र दुष्यंत सिंह पांचवीं बार झालावाड़ बारां सीट से प्रत्याशी थे तो गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत इस बार जोधपुर की बजाय जालौर सिरोही सीट से मैदान में उतरे थे।

दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों ने अपने पुत्रों के लिए पूरी शक्ति दाव पर लगाई। अपने समर्थक नेताओं तक को इनके क्षेत्र में लाये। गहलोत तो इतने व्यस्त रहे कि अपनी विधानसभा सीट सरदारपुरा पर भी ध्यान नहीं दे सके। जहां से कांग्रेस उम्मीदवार काफी वोटों से पिछड़ गया। राजे किसी भी दूसरी लोकसभा सीट पर प्रचार तक करने गई।

झालावाड़ सीट से राजे के पुत्र दुष्यंत लगातार पांचवां चुनाव जीत गये। वे लोकसभा क्षेत्र की सभी आठों विधानसभाओं में लीड लेने में कामयाब रहे। वहीं गहलोत के पुत्र वैभव दूसरा चुनाव भी जालौर से हार गये। पिछला चुनाव जोधपुर से हारे थे। इस बार जालौर में वैभव इस लोकसभा क्षेत्र की सभी आठों विधानसभाओं में पीछे रहे।