बड़ा निर्णय : यूजी-पीजी अलग-अलग विषयों में करने वाले भी बन सकेंगे व्याख्याता
- शिक्षा सेवा नियम 2021 में संशोधन
- 3 अगस्त 2021 तक विषम विषय से पीजी वाले भी होंगे पात्र
- 3 वर्ष से रुकी हुई डीसीपी हो सकेगी
- कक्षा 11 व 12 के लिए मिल सकेंगे व्याख्याता
आरएनई, स्टेट ब्यूरो।
राजस्थान में व्याख्याता पदों पर प्रमोशन के लिए तीन साल से रुकी हुई डीपीसी अब जल्द हो सकेगी। इतना ही नहीं यूजी और पीजी अलग-अलग सब्जेक्ट्स में होने से जिन्हे व्याख्याता बनने का पात्र नहीं माना जा रहा था उनके सर पर लटकती यह तलवार भी हट गई है। सरकार ने शिक्षा सेवा नियम 2021 में संशोधन कर पदोन्नति का रास्ता भी साफ कर दिया है।
मामला ये है :
शिक्षा विभाग में राज्य सरकार द्वारा 3 अगस्त 2021 को नये शिक्षा सेवा नियम 2021 जारी कर व्याख्याता पदों पर पदोन्नति के लिए स्नातक के विषयों में से ही किसी विषय में पोस्ट ग्रेजुएट करने वाले को ही पात्र माना गया था। रोचक बात यह है कि यह शर्त सीधी भर्ती में नहीं रखी गई थी। शिक्षक संगठनों द्वारा विरोध तथा न्यायालय वाद बनने के बाद राज्य सरकार द्वारा नियमों में संशोधन की प्रक्रिया शुरू की गई थी ।
नियमों में हुआ संशोधन :
विधानसभा चुनाव से पहले संशोधन की प्रक्रिया पूर्ण होने तक होने तक आचार संहिता लगने के कारण अधिसूचना जारी नहीं हो सकी थी । अब राज्य सरकार ने शिक्षा सेवा नियम 2021 में संशोधन कर दिनांक 3 अगस्त 2021 से पहले जिन्होंने स्नातक के अलावा अन्य विषय में पीजी की हुई है उन्हें व्याख्याता पदोन्नति के लिए पात्र मान लिया गया है।एक्सपर्ट कहते हैं :
शिक्षाविद महेन्द्र पांडे इस निर्णय को सकारात्मक मानते हैं। राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के महामंत्री पाण्डे का कहना है, व्याख्याता पद भरने के लिए किए गए संशोधन का स्वागत है। वे कहते हैं, पहले लगाई गई पाबंदी तार्किक नहीं थी। वजह, सीधी भर्ती।