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Pratibha Setu : जो UPSC फाइनल लिस्ट में नहीं आ सके उनको भी सरकारी नौकरी मिलेगी!
 

 

तनुश्री आचार्य

Even if you are not able to make it to the UPSC final list, your job is confirmed!

RNE New Delhi.

 संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने अब उन अभ्यर्थियों के लिए भी नई राह खोली है, जो UPSC परीक्षा पास तो कर लेते हैं, लेकिन फाइनल लिस्ट में नहीं आ पाते। इस पहल का नाम है यूपीएससी प्रतिभा सेतु (PRATIBHA Setu)।

 प्रतिभा सेतु क्या है?

‘प्रतिभा सेतु’ एक ऐसी योजना है जो उन छात्रों के लिए बनाई गई है जो UPSC की परीक्षा का लिखित भाग और इंटरव्यू (साक्षात्कार) पास कर लेते हैं, लेकिन अंतिम मेरिट सूची में नहीं चुने जाते ।

अब ये अभ्यर्थी बिल्कुल गायब नहीं हो जाते बल्कि, अगर वे चाहें तो UPSC उनकी जानकारी अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक करता है। इससे सरकार के मंत्रालय, सरकारी कंपनियां (PSU), और यहां तक कि निजी संस्थान भी उन तक पहुंच सकते हैं और उन्हें नौकरी के लिए आमंत्रित  कर सकते हैं।

इस योजना में किन-किन परीक्षाओं को शामिल किया गया है

इस योजना के अंतर्गत कई प्रतिष्ठित UPSC परीक्षाएं आती हैं, जैसे:

  1.  सिविल सेवा परीक्षा (IAS/IPS आदि)
  2.  भारतीय वन सेवा परीक्षा
  3. केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) परीक्षा
  4.  इंजीनियरिंग सेवा परीक्षा
  5. CDS (संयुक्त रक्षा सेवा) परीक्षा
  6. भारतीय आर्थिक/सांख्यिकी सेवा परीक्षा
  7. भू-विज्ञानी और चिकित्सा सेवा परीक्षा

किन्हें नहीं जोड़ा गया है?
 

NDA/NA और कुछ विशेष विभागीय प्रतियोगी परीक्षाएं इस योजना में शामिल नहीं हैं।


इस योजना की ज़रूरत क्यों पड़ी:

हर साल UPSC में लाखों छात्र बैठते हैं, लेकिन चयनित कुछ ही होते हैं। बहुत सारे अभ्यर्थी ऐसे होते हैं जो कुल मिलाकर सफल होते हैं, पर उनकी रैंक थोड़ी पीछे रह जाती है।

यूपीएससी प्रतिभा सेतु ऐसे मेधावी युवाओं के लिए एक दूसरा मौका बनकर सामने आता है। इससे वे अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों में रोजगार पा सकते हैं, जो ऐसे होनहार लोगों की तलाश में रहते हैं।

नियोक्ताओं को क्या लाभ?

सरकारी विभाग, सार्वजनिक उपक्रम और निजी कंपनियों को अब UPSC द्वारा पहले से चयनित, इंटरव्यू तक पहुंचे उम्मीदवारों की सूची मिलती है। इससे उन्हें भी बेहतर और सक्षम कर्मचारियों को चुनने में आसानी होती है।

निष्कर्ष:

यूपीएससी प्रतिभा सेतु योजना न केवल असफलता के बाद भी उम्मीद को ज़िंदा रखती है, बल्कि यह दिखाती है कि योग्यताओं को नज़रअंदाज़ नहीं किया जाना चाहिए।

इस योजना के माध्यम से UPSC अब केवल चयन नहीं करता, बल्कि प्रतिभा और रोजगार के बीच एक सेतु भी बनाता है — एक ऐसा पुल जो भविष्य के अवसरों की ओर ले जाता है।